LIC Share Price: PM Modi ने निवेशकों को दी सरकारी कंपनियों में निवेश की सलाह, पर एलआईसी IPO के निवेशक भारी नुकसान में
PM Modi On PSU Stocks: जब से स्टॉक एक्सचेंज पर एलआईसी की लिस्टिंग हुई है शेयर आईपीओ प्राइस से बहुत नीचे गिर चुका है.
LIC Share Price: अविश्वास प्रस्ताव पर लोकसभा में जवाब देते हुए गुरुवार 10 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एलआईसी पर सवाल खड़े करने को लेकर विपक्ष को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी के बारे में भ्रम फैलाया गया. जबकि आज एलआईसी लगातार मजबूत हो रही है. प्रधानमंत्री भले ही एलआईसी के तारीफ में कसीदे पढ़ रहे हों. लेकिन हकीकत ये भी है मई 2022 में एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशक आज भी भारी नुकसान पर बैठे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने एलआईसी का जिक्र करते हुए शेयर बाजार के निवेशकों को सरकारी कंपनियों में निवेश का गुरु मंत्र दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष जिस सरकारी कंपनी पर सवाल खड़े करे आप उस कंपनी के शेयर पर दांव लगा दीजिए, फायदा होगा. लेकिन एलआईसी के स्टॉक में निवेश करने वाले निवेशकों का अनुभव पिछले 15 महीनों में अच्छा नहीं रहा है.
17 मई 2022 को एलआईसी की आईपीओ स्टॉक एक्सचेंज हुई. और लिस्टिंग के दिन से ही कंपनी ने आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को बेहद निराश किया है. एलआईसी ने 949 रुपये प्रति शेयर के भाव पर आईपीओ में पैसे जुटाये थे. और उस लेवल से स्टॉक करीब 300 रुपये नीचे 659 रुपये के करीब कारोबार कर रहा है. यानि इश्यू प्राइस से स्टॉक अभी भी 30 फीसदी नीचे ट्रेड कर रहा है.
949 रुपये प्रति शेयर के आईपीओ प्राइस के लिहाज से एलआईसी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 6,00,242 करोड़ रुपये के करीब था. जो अब घटकर 4.17 लाख करोड़ रुपये नीचे आ चुका है. यानि लिस्टिंग के बाद से एलआईसी के मार्केट कैपिटलाइजेशन में 1.83 लाख करोड़ रुपये की कमी आ चुकी है. एलआईसी की लिस्टिंग पर चेयरमैन एमआर कुमार ने निवेशकों को भरोसा देते हुए कहा था कि लंबी अवधि में निवेश पर उन्हें बेहतर रिटर्न मिलेगा. 1956 से कंपनी लगातार सरकार को डिविडेंड दे रही है और निवेशकों को खबराने की जरुरत नहीं है.
पर एलआईसी के आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों का अनुभव अच्छा नहीं रहा. जबकि इस अवधि में कई स्टॉक्स ने शेयर बाजार में शानदार तेजी के बदौलत निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है. अडानी समूह के शेयरों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट ने भी एलआईसी को लेकर निवेशकों के मूड को बिगाड़ कर रख दिया क्योंकि अडानी समूह के स्टॉक्स में एलआईसी ने भारी भरकम निवेश किया हुआ था. रिपोर्ट के आने से पहले एलआईसी के निवेश का वैल्यू 82000 करोड़ रुपये था जो घटकर 31,000 करोड़ रुपये पर आ गया था. हिंडनबर्ग के रिपोर्ट के बाद भी एलआईसी ने जनवरी - मार्च तिमाही में अडानी समूह की चार कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई.
इस सबके बावजूद एलआईसी के निवेशकों को उस दिन का इंतजार है जब स्टॉक अपने इश्यू प्राइस को पार करने में सफल होगा.
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