PM Modi Gifts E-Auction: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर यानी बीते कल जन्मदिन था. जन्मदिवस के दिन आमतौर पर तोहफे मिलते हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री को जो तोहफे या स्मृति चिह्न उपहार के तौर पर मिले हैं-उनकी ई-नीलामी शुरू कल ही की गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिले उपहारों और स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी मंगलवार को शुरू हुई जो 2 अक्टूबर 2024 तक जारी रहेगी. इस बार प्रधानमंत्री मोदी को पिछले एक साल में तोहफे में मिली करीब 600 वस्तुएं नीलाम की जाएंगी. अयोध्या के राम मंदिर की प्रतिकृति समेत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को मिले 600 से ज्यादा तोहफों और स्मृति चिह्नों की ई-नीलामी की जा रही है.
ई-नीलामी में कौन-कौन से गिफ्ट्स हैं शामिल
नीलामी के लिए पेश वस्तुओं में पारंपरिक कला की एक सीरीज शामिल है. इसमें पेंटिंग, जटिल मूर्तियां, स्वदेशी हैंडीक्राफ्ट और सुंदर लोक और आदिवासी कलाकृतियां रखी गई हैं. इन खजानों में पारंपरिक अंगवस्त्र, शॉल, सिर की टोपियां और सेरेमोनियल तलवारों सहित सम्मान और आदर के प्रतीक के रूप में पारंपरिक रूप से दी जाने वाली बहुत सी चीजें शामिल हैं.
ई-ऑक्शन में आप कैसे ले सकते हैं हिस्सा
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की ओर से केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि "600 से ज्यादा तोहफों और स्मृति चिह्नों की ऑनलाइन नीलामी की जा रही है. ई-नीलामी में भाग लेने वाले आधिकारिक वेबसाइट https://pmmementos.gov.in/ के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाकर इसमें हिस्सा ले सकते हैं.
600 रुपये में भी ले सकते हैं पीएम मोदी को मिले गिफ्ट्स
सबसे कम बेस प्राइस वाले उपहार में सूती अंगवस्त्रम, टोपी और शॉल शामिल हैं और इनकी कीमत 600 रुपये रखी गई है. हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री मोदी को मिले तोहफों की नीलामी से मिली रकम को नमामि गंगे परियोजना को दिया जाएगा. ये पैसा गंगा नदी के संरक्षण और इसके नाजुक इकोसिस्टम की सेफ्टी के लिए भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है.
प्रधानमंत्री मोदी को मिले किन तोहफों की कीमत सबसे ज्यादा?
इनमें पैरालिंपिक ब्रॉन्ज मेडल विनर नित्या श्री सिवन और सुकांत कदम के बैडमिंटन रैकेट के अलावा सिल्वर मेडल विनर योगेश खातुनिया का 'डिस्कस' शामिल है. इनका बेस प्राइस 5.50 लाख रुपये के आसपास तय किया गया है. पैरालंपिक ब्रॉन्ड मेडल विनर अजीत सिंह और सिमरन शर्मा और सिल्वर मेडल विनर निशाद कुमार के भेंट किए गए जूतों के अलावा सिल्वर मेडल विनर शरद कुमार की साइन की गई टोपी का बेस प्राइस 2.86 लाख रुपये के आसपास रखा गया है.
राम मंदिर की एक प्रतिकृति जिसकी कीमत 5.50 लाख रुपये है, मोर की एक मूर्ति जिसकी कीमत 3.30 लाख रुपये है, राम दरबार की एक मूर्ति जिसकी कीमत 2.76 लाख रुपये है और चांदी की वीणा जिसकी कीमत 1.65 लाख रुपये है, हाई बेस प्राइस वाली गिफ्ट्स में शामिल हैं और इन का बेस प्राइस सबसे ज्यादा रखा गया है,
इस बार की नीलामी में क्या है खास
नीलामी का एक हिस्सा भारत के वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित है, जो देश के इतिहास के गौरवशाली अध्यायों का जश्न मनाता है. इस नीलामी की एक प्रमुख खासियत पैरालंपिक खेलों, 2024 से खेल स्मृति चिह्न हैं जो अलग-अलग मेडल विनर्स ने पीएम मोदी को दिए हैं.
कौन कराता है ये ई-नीलामी?
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के मुताबिक पीएम मोदी के इन उपहारों की नीलामी के लिए बेस प्राइस एक सरकारी कमिटी तय करती है. ई-नीलामी में कीमतें कम से कम 600 रुपये से लेकर मैक्सिमम 8.26 लाख रुपये तक होती हैं. आम जनता के लिए सभी उपहारों की ई-नीलामी का विकल्प खुला है और वो 600 रुपये से शुरू होने वाले उपहारों से लेकर करीब सवा आठ लाख रुपये तक के स्मृति चिन्हों के लिए ई-ऑक्शन में हिस्सा ले सकते हैं.
संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में, प्रधानमंत्री को मिले स्मृति चिह्न वाली एक्जीबिशन को देखा. इसके बाद उन्होंने कहा कि पीएम मोदी को उपहार के तौर पर मिला यह असाधारण कलेक्शन देश की संस्कृति, इतिहास और राजनीति के साथ आध्यात्मिकता के समृद्ध ताने-बाने को दिखाता है.
संस्कृति मंत्रालय ने X पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री स्मृति चिन्ह वापस आ गए हैं! माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को भेंट किए गए उपहारों और स्मृति चिन्हों को पाने का यह आपका मौका है! सत्रह सितंबर से दो अक्टूबर तक ई-नीलामी में शामिल हों और अद्वितीय कलाकृतियों, शिल्प और मूर्तियों पर अपनी बोलियां लगाएं."
कब से चल रही है ये गिफ्ट्स की ई-नीलामी
पीएम मोदी को मिले गिफ्ट्स की ई-नीलामी का पहला संस्करण जनवरी 2019 में शुरू किया गया था और इसे अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. यह प्रधानमंत्री के स्मृति चिन्हों की सफल नीलामी की सीरीज का छठा संस्करण है. पहला संस्करण जनवरी 2019 में शुरू किया गया था. पांच संस्करणों में अब तक 50 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई जा चुकी है. संस्कृति मंत्रालय के अनुसार नीलामी का एक हिस्सा भारत के वीर योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ देश के इतिहास के गौरवशाली अध्यायों का जश्न मनाता है.
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