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नोटबंदी के बाद लोन हुए सस्ते, बैंकों की ब्याज दरें घटीं: पीएम मोदी
कम ब्याज दरें होने से कई लोग कर्ज लेने के लिए आगे आ रहे हैं. यह सारे देश के अर्थतंत्र को गति देने की दिशा में काम कर रहा है.’’ पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत आम आदमी को बैंकों से पैसा मिल रहा है जिससे उसे अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिल रहा है.
नई दिल्ली: आज स्वतंत्रता दिवस पर देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि नोटबंदी के बाद बैंक अपनी ब्याज दरें कम कर रहे हैं और लोगों के लिए कर्ज लेना सस्ता हुआ है. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि नोटबंदी के बाद बैंकों में बड़ी मात्रा में कैश पहुंचा है जिसके बाद बैंकों को कर्ज की दरें कम करनी पड़ीं.
प्रधानमंत्री ने आज यहां लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुये कहा, ‘‘नोटबंदी के कारण बैंकों के पास पैसा आया है. बैंक अपनी ब्याज दर कम कर रहे हैं. करेंसी के द्वारा आम लोगों को बैंक से पैसा मिल रहा है. आम लोगों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिये अवसर मिल रहा है. गरीब हो, मध्यमवर्ग का व्यक्ति हो घर बनाना चाहता है, तो बैंक उसको मदद करने के लिये आगे आ रहे हैं.
कम ब्याज दरें होने से कई लोग कर्ज लेने के लिए आगे आ रहे हैं. यह सारे देश के अर्थतंत्र को गति देने की दिशा में काम कर रहा है.’’ पीएम मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना के तहत आम आदमी को बैंकों से पैसा मिल रहा है जिससे उसे अपने पैरों पर खड़ा होने का मौका मिल रहा है.
पिछले साल नवंबर में 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से हटाने के बाद सरकार ने इन्हें बैंकों में जमा कराने को कहा. इसके बाद बैंकों में भारी मात्रा में नकदी जमा की गई. बड़ी मात्रा में नकदी आने के बाद बैंकों ने हाल ही में जमा पर ब्याज दर में कटौती की है. आगे कर्ज पर भी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद है.
रिजर्व बैंक ने घटाई थी क्रेडिट पॉलिसी में दरें
आरबीआई ने हाल ही में 2 अगस्त को अपनी द्वैमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर 0.25 फीसदी कम कर 6.0 फीसदी कर दिया. सितम्बर 2010 के बाद यह पहली बार इतनी कम की गई हैं. यह वह दर है जिसपर कमर्शियल बैंक रिजर्व बैंक से एक दिन का कर्ज उठाते हैं. इसके कम होने से बैंकों के फंड मेंटेनेंस की लागत कम होती है और वे मकान दुकान और करोबार के लिए कर्ज की दर सस्ती कर सकते हैं. सरकार ने भी गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को सस्ती दरों पर आवास रिण उपलब्ध कराने के लिये योजनायें शुरू की हैं.
2022 में ‘‘भव्य-दिव्य हिन्दुस्तान’’ या 'न्यू इंडिया'
प्रधानमंत्री ने 2022 में ‘‘भव्य-दिव्य हिन्दुस्तान’’ बनाने का संकल्प जताते हुये कहा, ‘‘हम सब मिलकर ऐसा भारत बनायेंगे जहां गरीब के पास पक्का घर हो, बिजली हो, पानी हो. हम सब मिलकर ऐसा भारत बनायें जहा देश का किसान चिंता में नहीं चैन से सोएगा. आज वह जितना कमा रहा है उससे 2022 तक दोगुना कमाएगा.’’
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अभिषेक श्रीवास्तव, जर्नलिस्टस्वतंत्र पत्रकार
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