Independence Day 2021: पीएम मोदी ने कहा- केद्र सरकार स्वयं सहायता समूहों के लिए बना रही ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म
स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने कहा है कि सरकार स्वयं सहायता समूहों को मार्केट एक्सेस देने के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार कर रही है. इससे इन्हें देश-विदेश में अपने प्रोडक्ट बेचने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर कहा कि सरकार गांवों के आठ करोड़ स्वयं सहायता समूहों को अपने प्रोडक्ट देश के अंदर और विदेश में बेचने में मदद करने के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बना रही है. देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बोलते हुए मोदी ने कहा कि भारत को ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं के पुनर्निर्माण के लिए अपनी ऊर्जा को एक साथ खींचना होगा. उन्होंने का “आज हम अपने गांवों को तेजी से बदलते हुए देख सकते हैं. पिछले कुछ वर्षों में गांवों को सड़क और बिजली उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया. "
डिजिटल प्लेटफॉर्म स्वयं सहायता समूहों को देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जोड़ेगा
पीएम मोदी ने आगे कहा कि “अब गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है. गांवों से डिजिटल एंटरप्रेन्योर बाहर आ रहे हैं. गांवों में आठ करोड़ स्वयं सहायता समूह बढ़िया उत्पाद बनाते हैं. सरकार देश के भीतर और बाहर इन उत्पादों को मार्केट एक्सेस देने के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तैयार करेगी. जब देश 'वोकल फॉर लोकल' के मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है,तो यह डिजिटल प्लेटफॉर्म महिला स्वयं सहायता समूहों को देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जोड़ेगा."
वाणिज्य मंत्रालय एक ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) प्लेटफॉर्म बनाने के लिए काम कर रहा है. ओएनडीसी का उद्देश्य खरीदारों और सेलर्स को डिजिटली विजिबल और ऑपन नेटवर्क के माध्यम से लेनदेन करने में सक्षम बनाना है, चाहे वे किसी भी प्लेटफॉर्म या एप्लिकेशन का इस्तेमाल करें. ओएनडीसी का इनोवेशन और स्केल जरिए रिटेल,फूड, मोबिलिटी आदि में मर्चेंट्स और उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने का उद्देश्य है.
सरकार का सहकारवाद पर फोकस
पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों में सहकारिता को सशक्त बनाने के लिए सरकार ने नया सहकारिता मंत्रालय (ministry of cooperation) बनाया है. उन्होंने कहा "भारत 'सहकारवाद' पर फोकस कर रहा है. यह हमारी परंपरा और संस्कृति के अनुरूप है. को-ऑपरेटिव में लोगों की सामूहिक ऊर्जा अर्थव्यवस्था की ड्राइविंग फोर्स बन जाती है. यह देश के ग्रास रूट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण एरिया है. सहकारिता कानून और नियमों का सिस्टम नहीं है, यह एक भावना है. सहकारिता एक साथ आगे बढ़ने के लिए फ्रेम ऑफ माइंड है."
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