India-UK FTA: पीएम मोदी से ऋषि सुनक की हुई बात, अब तेज होगी व्यापार समझौते पर वार्ता
India FTA Talks: पिछले महीने खालिस्तान समर्थकों ने ब्रिटेन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाद हिंसक प्रदर्शन किया था, जिसके बाद व्यापार वार्ता रोके जाने की खबरें चलाई जा रही थीं...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक (UK PM Rishi Sunak) से बात की और इस दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को लेकर चल रही बातचीत तेज करने पर सहमति बनी. दोनों नेताओं ने इस दौरान मुक्त व्यापार समझौते (India-UK FTA) से भारत और ब्रिटेन दोनों देशों के लोगों व कंपनियों के सामने खुलने वाले अवसरों के बारे में चर्चा की. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कार्यालय (Britain PMO) ने इसकी जानकारी दी है.
वित्त मंत्री ने किया था खंडन
भारत और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बीच यह बात ऐसे समय हुई है, जब खालिस्तान से मुद्दे को लेकर ब्रिटेन के साथ भारत की व्यापार वार्ता (FTA Talks) के रुकने की खबरें सामने आ रही थीं. इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) भी इस बारे में टिप्पणी कर चुकी हैं. उन्होंने साफ किया था कि किसी देश के साथ व्यापार वार्ता नहीं रोक गई है. उन्होंने यह भी कहा था कि न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि कनाडा और यूरोपीय संघ के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreements) को लेकर बातचीत जारी है.
एफटीए से दोनों देशों को लाभ
पीटीआई की एक खबर में ब्रिटिश पीएम ऑफिस डाउनिंग स्ट्रीट के एक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ब्रिटिश समकक्ष ऋषि सुनक से बात की और दोनों देशों के बीच जारी एफटीए बातचीत को तेज करने के लिए लंबित मुद्दों को दूर करने पर सहमत हुए. दोनों नेताओं का मानना है कि अगर भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता होता है तो यह दोनों देशों के लोगों के साथ-साथ दोनों देशों की कंपनियों के लिए भी कई अवसर खोलेगा.
अभी इतना है व्यापार
ब्रिटेन के व्यवसाय एवं व्यापार विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश महत्वाकांक्षी और दोनों के लिए फायदेमंद एफटीए करने को प्रतिबद्ध हैं. प्रवक्ता ने साथ ही यह भी जोड़ा कि दोनों पक्षों ने पिछले महीने ही हालिया राउंड की बातचीत की थी. प्रवक्ता ने यह भी बताया कि साल 2022 में दोनों देशों के बीच 34 बिलियन पाउंड का व्यापार हुआ. यह साल भर पहले की तुलना में 10 बिलियन पाउंड अधिक रहा.
इन खबरों ने बढ़ाई प्रासंगिकता
दोनों नेताओं के बीच हुई यह बात कुछ हालिया खबरों के कारण ज्यादा प्रासंगिक हो जाती है. मीडिया के एक धड़े में एफटीए को लेकर ऐसी खबरें चल रही थीं कि भारत सरकार ने खालिस्तान से संबंधित विरोध प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटेन के साथ चल रही व्यापार वार्ता (India-UK Trade Talks) रोक दी है. खालिस्तान के समर्थकों ने पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग के बाहर हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था.
फरवरी में हुई थी आखिरी बात
सबसे पहले ब्रिटिश अखबार द टाइम्स ने ब्रिटिश सरकार के वरिष्ठ सूत्रों का हवाला देते हुए दावा किया था कि भारत सरकार ने पिछले साल जनवरी में शुरू हुई व्यापार वार्ता रोक दी है. बाद में न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भी बातचीत रुकने की खबर चलाई. दोनों पक्षों के बीच एफटीए को लेकर 10 फरवरी को आखिरी दौर की बातचीत हुई थी. उसके बाद मार्च में बैठक होने वाली थी, जो खालिस्तान विवाद की भेंट चढ़ गई.
वित्त मंत्री ने की थी ये टिप्पणी
अमेरिका की यात्रा पर गईं वित्त मंत्री सीतारामन ने भी बातचीत रुकने की खबरों का खंडन किया था. उन्होंने इसे लेकर कहा था, आज कल मुक्त व्यापार समझौतों पर पहले की तुलना में तेजी से हस्ताक्षर हो रहे हैं. हमने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के साथ ऐसा एक समझौता पूरा किया है. उससे पहले संयुक्त अरब अमीरात, मॉरीशस और आसियान के साथ मुक्त व्यापार समझौते हुए. हमने कोटा-फ्री और टैरिफ फ्री व्यवस्था की सुविधा कम विकसित देशों को दी है. अभी ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कनाडा के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है.
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