PM Ujjwala Yojana: आज से ठीक सात साल पहले एक मई 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब माताओं और बहनों को धुएं से मुक्ति दिलाने के उद्देश्य से मुफ्त एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश के बलिया में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को लॉन्च किया था. एक फरवरी 2023 तक पीएम मोदी की इस महत्वाकांक्षी योजना के कुल 9.59 करोड़ एक्टिव लाभार्थी हैं. सरकार ने खुद इसकी जानकारी दी है. पर योजना के लॉन्च के सात साल बाद कितने लाभार्थी इस योजना का लाभ उठा रहे हैं ये एक बड़ा सवाल है. क्योंकि इन सात सालों में एलपीजी सिलेंडर के दामों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है. 


2016 के बाद जबरदस्त बढ़े एलपीजी के दाम!


जब प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम उज्जवला योजना को लॉन्च किया था तब गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर 631 से 650 रुपये के बीच अलग अलग शहरों में रिफिल होता था. जिसपर सरकार करीब 200 रुपये की सब्सिडी देती थी. साल में 12 सिलेंडर सब्सिडी में मिला करती थी 12 के बाद सिलेंडर रिफिल कराने पर सब्सिडी नहीं मिलती थी. पर आज की तारीख में उसी गैर-सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर को रिफिल कराने के लिए 1103 रुपये खर्च करने पड़े हैं. यानि 75 फीसदी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है. 9 से 10 साल पहले जो लोग सब्डिसी वाला सिलेंडर ले रहे थे उन्होंने 150 फीसदी के करीब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी रही है. हालांकि केंद्र सरकार ने मई 2022 के बाद पीएम उज्जवला योजना के लाभार्थियों को साल में 12 सिलेंडर सिफिल कराने पर 200 रुपये प्रति सिलेंडर सब्सिडी देना शुरू किया जिसकी मियाद को अब 31 मार्च 2024 तक के लिए एक्सटेंड कर दिया गया है. 


महंगे रसोई गैस के चलते रिफिल नहीं करा रहे लाभार्थी 


इसके बाद भी 2013 में जहां सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर के लिए जहां 434 रुपये चुकाने पड़ रहे थे. अब सब्सिडी के बावजूद 900 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. महंगे रसोई गैस ने लोगों के घर का बजट बिगड़ दिया है. सरकार के आंकड़ों के ही मुताबिक पीएम उज्जवला के लाभार्थी महंगे रसोई गैस के चलते सिलेंडर रिफिल नहीं करा रहे हैं. 


5 वर्ष में 4.15 करोड़ लाभार्थियों ने नहीं कराया एक भी सिलेंडर रिफिल 


2022 के मानसून सत्र में सरकार ने संसद को बताया कि बीते पांच सालों में 4.13 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों ने एक भी एलपीजी सिलेंडर रिफिल नहीं करवाया है. पेट्रोलियम राज्यमंत्री रामेश्वर तेली ने संसद में लिखित में ये जानकारी दी थी. उन्होंने बताया कि कुल 7.67 करोड़ प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के ऐसे लाभार्थी हैं जिन्होंने केवल एक एलपीजी सिलेंडर रिफिल करवाया है. उन्होंने बताया कि 2021-22 में कुल 30.53 करोड़ एक्टिव एलपीजी कस्टमर्स में से 2.11 घरेलू एलपीजी कस्टमर्स ने एक भी सिलेंडर रिफिल नहीं कराया है. 2.91 करोड़ एलपीजी कस्टमर्स ने केवल एक सिलेंडर रिफिल कराया है.


सरकार का तर्क 300 फीसदी बढ़े एलपीजी के दाम


2 फरवरी 2023 को सरकार ने संसद को बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रति व्यक्ति एलपीजी सिलेंडर की खपत जो 2019-20 में 3.01 सिलेंडर थी वो 2021-22 में बढ़कर 3.68 हो गई है. उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी के दामों में 300 फीसदी का उछाल आया है. लेकिन कस्टमर्स पर इसका पूरा भार नहीं डाला गया. जिसके चलते सरकारी तेल कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा. उन्होंने बताया कि सरकार को सरकारी तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई करने के लिए 22000 करोड़ रुपये का मुआवजा सरकार को देना पड़ा है. 


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