PMAY-G: प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि गांवों में रहने वाली महिलाओं को सशक्त बनाया जा सके. इस योजना के दूसरे चरण में ग्रामीण इलाकों में दिए जाने वाले घरों में महिलाओं को 100 फीसदी स्वामित्व दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके अलावा एक नया सर्वे 'आवास-प्लस 2024' लाया जा रहा है जिसके तहत लाभार्थियों या बेनेफिशयरीज को नए घरों के लिए अपडेटेड मानदंडों के मुताबिक सर्वेक्षण से गुजरना पड़ेगा. सरकार की ये कोशिश है कि दूसरे चरण में रजिस्टर्ड मकानों के लिए लाभार्थी परिवारों की महिला सदस्यों के नाम पर ही रजिस्ट्रेशन किया जाए.
इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक लाभार्थियों की एक नई लिस्ट बनाई जाएगी और इसके जरिए पहली बार इस योजना में एनरोलमेंट के इच्छुक लोगों को 'सेल्फ सर्वे' की अनुमति मिलेगी. केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत दो करोड़ घरों के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद अब इसके दूसरे चरण को चालू करने की तैयारियां लगभग पूरी की जा चुकी हैं.
मौजूदा पहले चरण में क्या है महिलाओं की भागीदारी
इस समय PMAY-G के तहत जो घर बनाए जा रहे हैं उनमें 74 फीसदी घरों का मालिकाना हक महिलाओं के पास अकेले या संयुक्त रूप से है.
क्या होगा दूसरे चरण में खास
ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक सूत्र के मुताबिक पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पहली बार सर्वेक्षण करने वालों और सर्वेक्षण किए जाने वाले लोगों सभी के लिए 'चेहरे की पहचान' या फेस रिकॉग्निशेन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके साथ ही आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस बार प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लिए पात्रता के क्राइटेरिया में ढील दी गई है और कुछ लिमिटेशन हटा दी गई हैं. 'आवास प्लस ऐप' के जरिए नए सर्वेक्षण किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के दूसरे चरण के लिए क्या है टाइमलाइन
देश के कई राज्यों को 30 नवंबर तक आवास-प्लस 2024 सर्वेक्षण पूरा करने और 31 दिसंबर तक एलिजिबिल परिवारों के लिए घरों को अप्रूव करने का निर्देश दिया गया है. इन घरों का निर्माण एक साल के भीतर पूरा हो जाने की उम्मीद है.
ग्रामीण विकास मंत्रालय के मुताबिक साल 2016 में योजना की शुरूआत के बाद से पीएमएवाई-जी के तहत 2.67 करोड़ घरों को बनाया जा चुका है. वहीं इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत लगभग 77 लाख पेंडिंग घरों का निर्माण भी पूरा हो चुका है. पीएमएवाई-जी 2016 में शुरू की गई और पांच सालों में 2.95 करोड़ पक्के मकानों के निर्माण का इसका लक्ष्य था.
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