New Income Tax Regime: साल 2020 में कोरोनाकाल (Covid-19 Pandemic) के ठीक पहले पेश किए गए आम बजट (Union Budget) में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था ( New Income Tax Regime) लागू करने की घोषणा की. नई इनकम टैक्स रिजिम में टैक्स की दरें कम होने के बावजूद टैक्स छूट ( Tax Exemption) का प्रावधान नहीं था. जिसके चलते नई टैक्स व्यवस्था की टैक्सपेयर्स ( Taxpayers) के बीच स्वीकार्यता नहीं बन पाई. अब सरकार से नई टैक्स व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने के लिए बदलाव की मांग की जा रही है. इस बीच प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष विवेक देबरॉय ने नई टैक्स व्यवस्था की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि हमें आने वाले समय में पूरी तरीके से बिना टैक्स छूट वाले इनकम टैक्स व्यवस्था को अपनाना होगा.
टैक्स छूट सरलीकरण में बना रोड़ा!
विवेक देबरॉय का मानना है कि इनकम टैक्स छूट के चलते टैक्स सिस्टम का सरलीकरण नहीं हो पा रहा है. डिडक्शन और टैक्स छूट की खामियां बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को आधारभूत ढांचे को तैयार करने और गुड्स और सर्विसेज उपलब्ध कराने के लिए पैसे की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि किसी ना किसी को तो ऐसे में टैक्स का भुगतान करना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि टैक्स कलेक्शन जीडीपी का केवल 15 फीसदी है.
नई टैक्स व्यवस्था से टैक्सपेयर्स की बेरुखी
इनकम टैक्स की नई व्यवस्था में भले ही टैक्स की दरें कम हो लेकिन होमलोन के मूलधन और ब्याज या बचत निवेश पर टैक्स छूट के अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं मिलने के चलते टैक्सपेयर्स को नई टैक्स व्यवस्था रास नहीं आई. 2021-22 एसेसमेंट ईयर के लिए 5.89 करोड़ टैक्सपेयर्स ने रिटर्न दाखिल किया था लेकिन 5 फीसदी से भी कम टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स की नई व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स रिटर्न ( Income Tax Return) दाखिल किया. नई टैक्स व्यवस्था के मुताबिक यदि कोई टैक्सपेयर्स टैक्स छूट या डिडक्शन (Deduction) का लाभ नहीं लेना चाहता है वो इस नए टैक्स व्यवस्था के विकल्प को अपना सकता है.
पुरानी टैक्स व्यवस्था में टैक्स छूट
इनकम टैक्स स्लैब की पुरानी व्यवस्था में टैक्सपेयर्स कई प्रकार के टैक्स छूट (Tax Benefit) का लाभ ले सकता है. सेक्शन 80सी ( Section 80C) के तहत बीमा (Insurance), ईएलएसएस( ELSS), एम्पलॉय प्राविडेंट फंड(EPF), पीपीएफ ( PPF) और बच्चों के ट्यूशन फीस के साथ होमलोन के मूलधन ( Home Loan Principal) पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते है. 2 लाख रुपये तक होमलोन के ब्याज ( Home Loan Interest Amount) पर भी टैक्स छूट का प्रावधान है. 50,000 रुपये के स्टैडर्ड डिडक्शन ( Standard Deduction) का भी लाभ मिलता है.
नई टैक्स व्यवस्था को आर्कषक बनाने की तैयारी!
हालांकि हाल ही में खबरें आई कि नई टैक्स व्यवस्था को आकर्षक बनाने पर सरकार विचार कर रही है. टैक्सपेयर्स के बीच नई व्यवस्था की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए इसके नियमों में बदलाव किया जा सकता है. इनकम टैक्स की नई व्यवस्था (New Income Tax Regime) में कुछ शर्तों के साथ कुछ टैक्स छूट दी जा सकती है. जिससे टैक्सपेयर्स इस विकल्प को अपना सकें. लेकिन पीएम आर्थिक सलाहकार समिति के अध्यक्ष के ताजा बयान के बाद सवाल उठता है कि क्या ये संभव होगा? हालांकि विवेक देबरॉय ने अपने बयान को अपना निजी विचार कहा है.
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