Popcorn GST: पॉपकॉर्न पर लगेगा 3 तरह से जीएसटी, कंफ्यूज ना हों-समझें टैक्स का सारा हिसाब-किताब
GST On Popcorn: जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी दर में कोई बढ़ोतरी हुई या नहीं.. इसको अलग-अलग तरह से क्लासीफाई करने के बाद जो जीएसटी लागू होगा, उसको साफ तरीके से बताया गया है-आप भी जानें
GST On Popcorn: सिनेमाघरों से लेकर दुकानों तक और लोकल पॉपकॉर्न बेचने वालों के मन में ये सवाल है कि जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक में पॉपकॉर्न पर टैक्स को लेकर क्या फैसला हुआ है. अगर आप भी पॉपकॉर्न के जीएसटी को लेकर कंफ्यूज हैं तो यहां आपका सारा असमंजस दूर हो जाएगा. केंद्र सरकार ने जीएसटी काउंसिल के फैसलों को लेकर एक कंप्लीट एफएक्यू (FAQ) जारी किया है और इसमें पॉपकॉर्न पर जीएसटी को लेकर विस्तार से जानकारी दी गई है.
सबसे पहले तो आप ये जान लीजिए कि पॉपकॉर्न पर जीएसटी रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है और सरकार ने इसे लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है. हाल ही में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में पॉपकॉर्न पर जीएसटी दर में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, केवल इसको अलग-अलग तरह से क्लासीफाई करने के बाद जो जीएसटी लागू होगा, उसको साफ तरीके से बताया गया है.
सवालः क्या सिनेमाघरों में पॉपकॉर्न महंगे हो जाएंगे?
उत्तर: आम तौर पर पॉपकॉर्न सिनेमाघरों में ग्राहकों को खुले रूप में परोसा जाता है और तब तक रेस्तरां सर्विस पर लागू होने वाली 5 परसेंट का टैक्स रेट लागू रहेगा. इस तरह लूज पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी जीएसटी ही रहेगा.
किस पॉपकॉर्न पर लगेगा 5 परसेंट जीएसटी- जानें
मूवी थियेटर में खुले रूप में बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न पर 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू रहेगा. अगर पॉपकॉर्न को मूवी टिकट के साथ बेचा जाता है, तो उस पर टिकट पर लागू दर के अनुसार जीएसटी लगेगा. नमक और मसालों के साथ मिलाए गए पॉपकॉर्न को नमकीन के रूप में क्लासीफाई किया जाता है और इस पर भी 5 फीसदी टैक्स लगता है. मूवी थियेटर में खुले रूप में बेचे जाने वाले पॉपकॉर्न पर रेस्तरां की तरह ही 5 फीसदी की दर से जीएसटी लागू रहेगा.
हालांकि, अगर पॉपकॉर्न को मूवी टिकट के साथ मिलाकर बेचा जाता है तो इस सप्लाई को एक कंपोजिट सप्लाई (समग्र आपूर्ति) माना जाएगा और उस पर मुख्य आपूर्ति यानी टिकट की लागू दर के मुताबिक टैक्स लगाया जाएगा.
किस पॉपकॉर्न पर है 12 परसेंट जीएसटी
जिस पॉपकॉर्न को नमक और मसालों (सॉल्ट और स्पाइसेज) के साथ मिलाया गया हो उसे जीएसटी नियम के तहत नमकीन की कैटेगरी में रखा गया है और इस पर 5 फीसदी टैक्स लगता है. वहीं पॉपकॉर्न को अगर पहले से पैक और लेबल किया हुआ होता है, तो यह दर 12 फीसदी होती है. जीएसटी एफएक्यू में बताया गया है कि भारत नमकीन को पहले से पैक और लेबल किए गए फॉर्म के अलावा अन्य रूप में बेचने पर 5 परसेंट जीएसटी लगता है और प्री-पैकेज और लेबल वाले फॉर्म में बेचने पर 12 परसेंट जीएसटी लगता है.
कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर लगेगा 18 परसेंट जीएसटी
कुछ स्पेशल वस्तुओं को छोड़कर सभी चीनी कन्फेक्शनरी पर 18 परसेंट जीएसटी लगता है और इस लिहाज से कैरेमलाइज्ड पॉपकॉर्न पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लागू होगा.
अलग-अलग तरह के पॉपकॉर्न पर अलग-अलग जीएसटी रेट का आधार क्या है?
खाद्य पदार्थों सहित सभी वस्तुओं को हार्मोनाइज्ड सिस्टम (एचएस) क्लासीफिकेशन के मुताबिक जीएसटी के तहत क्लासीफाई किया गया है, जो विश्व सीमा शुल्क संगठन (डब्ल्यूसीओ) द्वारा डेवलप एक मल्टीनेशनल सामान नामकरण है. इस सिस्टम का इस्तेमाल 200 से ज्यादा देशों में किया जाता है जो 98 परसेंट से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को कवर करता है. अलग-अलग जीएसटी दरें सिर्फ HS सिस्टम के विभिन्न अध्यायों के तहत वस्तु के वर्गीकरण के नतीजों के तौर पर आती हैं.
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