देश के 12 प्रमुख सरकारी बंदरगाहों पर कर्मचारियों की हड़ताल टल गई है. प्रमुख सरकारी बंदरगाहों के कर्मचारी आज 28 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले थे. उससे ऐन पहले कर्मचारियों के संगठनों और वेतन पर बातचीत कर रही समिति के बीच समझौता हो गया.


आज से होने वाली थी हड़ताल


प्रमुख सरकारी बंदरगाहों के कर्मचारियों की हड़ताल टाले जाने का निर्णय ऐसे समय आया है, जब प्रस्तावित अनिश्चिकालीन हड़ताल से ऐन एक दिन पहले पोर्ट एम्पलॉइज के संगठनों और वेज नेगोशिएशन कमिटी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हो गया. बंदरगाहों के कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर वर्कर्स यूनियन और पोर्ट्स मैनेजमेंट के बीच मैराथन बैठक चली, जिसके बाद समझौते तक पहुंचा जा सका.


समुद्री व्यापार में अहम भूमिका


देश के 12 प्रमुख सरकारी बंदरगाह समुद्र के रास्ते होने वाले व्यापार में बड़ी भूमिका निभाते हैं. उन 12 बंदरगाहों पर अभी करीब 18 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. वे विभिन्न वर्कर्स यूनियन के साथ जुड़े हुए हैं. कर्मचारियों के यूनियन ने वेतन में बढ़ोतरी समेत अपनी अन्य मांगों को लेकर बुधवार 28 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी थी.


3 सालों से चल रही है बातचीत


पोर्ट्स एम्पलॉइज एसोसिएशन बारहों प्रमुख सरकारी बंदरगाहों के कर्मचारियों की ओर से सैलरी समेत अन्य लंबित मुद्दों पर बातचीत कर रहा है. बताया जाता है कि बंदरगाहों के कर्मचारियों की पे एंड पेंशन रिवीजन की मांग वर्षों पुरानी है. इन मुद्दों पर कम से कम 3 सालों से एम्पलॉइज, यूनियन, मैनेजमेंट और सरकार के बीच बातचीत चल रही है. बातचीत बार-बार फेल होने से यूनियन ने हड़ताल का निर्णय लिया था.


फेडरेशंस ने जारी किया संयुक्त बयान


हालांकि अब वेज रिवीजन पर बात कर रही समिति के साथ एमओयू पर साइन किए जाने के बाद एम्पलॉइज एसोसिएशंस ने संयुक्त बयान जारी किया है. जॉइंट स्टेटमेंट के अनुसार, आईपीए के चेयरमैन, आईपीए के एमडी और छह फेडरेशनों के प्रतिनिधियों के बीच सहमति बनने व एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद छह फेडरेशनों के द्वारा 28 अगस्त से बुलाई गई अनिश्चितकालीन हड़ताल टल गई है.


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