सुरक्षित और अच्छे रिटर्न के लिए डाकघर की मंथली इनकम स्कीम है बेहतरीन, जानें क्या है खूबी
रिटायर्ड लोगों को लिए डाकघर की मंथली इनकम स्कीम बेहद मुफीद है क्योंकि उन्हें हर महीने एक निश्चित रकम खर्च चलाने के लिए चाहिए होती है.
स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरें घट गई हैं फिर भी निश्चित रिटर्न के हिसाब से अभी भी इनमें निवेश फायदेमंद हैं. इस लिहाज से देखें तो डाकघर की मंथली इनकम स्कीम काफी मुफीद है. खास कर रिटायर्ड लोगों को लिए जो अपना रिटायरमेंट फंड एक निश्चित रिटर्न के लिए लगाना चाहते हैं. अप्रैल-जून तिमाही (2020) में डाकघर मंथली स्कीम की ब्याज दर घटा कर 6.6 फीसदी हो गई है. फिर भी अगर आप इसमें अधिकतम नौ लाख रुपये (ज्वाइंट अकाउंट) जमा करते हैं तो आपको लगभग हर महीने लगभग 5000 रुपये की आमदनी हो सकती है.
बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज
डाकघर मंथली इनकम स्कीम यानी POMIS बैंक एफडी से ज्यादा ब्याज देता है. आप एक हजार रुपये जमा कर इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं. सिंगल अकाउंट में अधिकतम 4.5 लाख रुपये जमा कर सकते हैं और ज्वाइंट अकाउंट में अधिकतम 9 लाख रुपये. इस स्कीम की मैच्योरिटी पीरियड पांच साल के लिए है लेकिन इसे और पांच-पांच साल के लिए बढ़ा सकते हैं.
इस स्कीम के तहत आप एक से अधिक खाता खोल सकते हैं. हालांकि एक व्यक्ति अधिकतम 4.5 लाख रुपये ही निवेश कर सकता है. हां ज्वाइंट अकाउंट में नौ लाख रुपये तक निवेश हो सकता है. सिंगल अकाउंट को बाद में ज्वाइंट अकाउंट में तब्दील किया जा सकता है. इनकम टैक्स के सेक्शन 80 सी के तहत डाकघर मंथली स्कीम में निवेश पर टैक्स से कोई छूट नहीं मिलती है. इसके ब्याज पर टैक्स लगता है.
वक्त से पहले पैसा निकालने पर लगती है पेनाल्टी
इस स्कीम में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकालने पर आपको घाटा हो सकता है. अगर पैसा जमा करने के एक साल के भीतर आप इसे निकाल लेते हैं तो आपको कोई रिटर्न नहीं मिलेगा. एक साल के बाद पैसा निकाल सकते हैं लेकिन तीन साल से पहले पैसा निकालने पर आपको दो फीसदी पेनाल्टी देनी पड़ती है. 3 साल के बाद पैसा वापस लेने पर जमा राशि पर एक फीसदी की कटौती की जाती है. डाक घर में पैसा रखना बैंक से भी ज्यादा सुरक्षित है.क्योंकि डाकघर में जमा पैसों पर सॉवरेन गारंटी होती है.