महंगी सब्जियों के चलते रसोई के बिगड़े बजट से परेशान आम लोगों को आने वाले दिनों में राहत मिल सकती है. सरकार आलू की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए विभिन्न उपायों पर विचार कर रही है. उसके लिए जल्दी ही पड़ोसी देश भूटान समेत अन्य देशों से आलू का आयात शुरू किया जा सकता है.


इन विकल्पों पर विचार कर रही है सरकार


ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को लग रहा है कि देश में आलू के कम उत्पादन के कारण कीमतें तेज बनी रह सकती हैं. ऐसे में सरकार कीमतों में नरमी लाने के लिए विभिन्न उपायों पर गौर कर रही है. रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सरकार पड़ोसी देश भूटान से आलू मंगाने की मंजूरी दे सकती है. अन्य देशों से भी आलू का आयात करने पर विचार किया जा सकता है.


जून 2024 में समाप्त हुई वैलिडिटी


अधिकारी के अनुसार, सरकार व्यापारियों को फिलहाल छोटे-छोटे अमाउंट में आलू का आयात करने की मंजूरी दे सकती है. सरकार ने पिछले साल भूटान से आलू खरीदने की मंजूरी दी थी. सरकार ने पिछले साल जो मंजूरी दी थी, उसके तहत व्यापारी बिना लाइसेंस के जून 2024 तक भूटान से आलू खरीदकर भारत ला सकते थे.


उत्पादन में गिरावट की आशंका


भारत आलू का उत्पादन करने के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. आलू के उत्पादन के मामले में भारत से आगे सिर्फ चीन है. पिछले साल भारत में 60.14 मिलियन टन आलू का उत्पादन हुआ था. इस साल आलू का उत्पादन कम रहने की आशंका है. कृषि मंत्रालय के पहले एडवांस एस्टिमेट के अनुसार, इस साल देश में आलू का उत्पादन लगभग 58.99 मिलियन टन रह सकता है.


अभी ही इतनी हो चुकी है महंगाई


दरअसल खराब मौसम के चलते पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में आलू की फसल प्रभावित हुई है. इसके चलते आलू के दाम भी प्याज और टमाटर की तरह बढ़ने लगे हैं. टमाटर, प्याज और आलू की महंगाई बढ़कर 48.4 फीसदी पर पहुंच चुकी है. ऐसी आशंका है कि आलू की कीमतें लगातार तेज हो सकती हैं और अक्टूबर से बाजार में उसकी कमी महसूस हो सकती है. आम तौर पर हर साल बाजार में नवंबर-दिसंबर में आलू की कमी देखी जाती रही है, लेकिन इस बार पहले से ही असर दिखने की आशंका है.


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