Power Supply: सरकार ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि देश में बिजली की कोई कमी नहीं है. संसद में एक लिखित उत्तर में बिजली मंत्री आर के सिंह ने कहा, "वर्तमान में, देश में बिजली उत्पादन के लिए पर्याप्त स्थापित क्षमता है क्योंकि 30 जून को भारत की स्थापित उत्पादन क्षमता 403.76 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) है. ये 215.89 गीगा वाट (जीडब्ल्यू) जो चालू वर्ष 2022-23 के दौरान अप्रैल, 2022 के महीने में पीक पर पहुंची थी. मौजूदा बिजली सप्लाई की क्षमता देश की पीक पॉवर मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त है."


बिजली की सप्लाई निर्बाध रहे, इसके लिए सरकार के पास पर्याप्त संसाधन
उन्होंने कहा कि केंद्र ने नवंबर, 2015 में राज्य के स्वामित्व वाली बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के वित्तीय और परिचालन टर्नअराउंड के उद्देश्य से उज्‍जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना (उदय) शुरू की थी, जिसमें आपूर्ति की औसत लागत (एसीएस) और औसत राजस्व प्राप्त (एआरआर) से शून्य के बीच लक्षित किए जाने वाले परिचालन मापदंडों में से एक अंतराल में कमी थी.


Power Supply और डिस्ट्रीब्यूशन में सुधार लाने के लिए आरडीएसएस शुरू की
वितरण क्षेत्र में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 में एक नई सुधार-आधारित और परिणाम-लिंक्ड, संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) शुरू की है, जिसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को वित्तीय रूप से टिकाऊ बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता और विश्वसनीयता में सुधार करना है.


बिजली की सप्लाई को लेकर बढ़ी थी चिंताएं
बिजली मंत्री को इस बिजली के मुद्दे पर संसद में इसलिए जवाब देना पड़ा क्योंकि कुछ महीने पहले (अप्रैल 2022) में देश में बिजली संकट की चर्चा थी. भारतीय रेलवे ने कोयले की ढुलाई के लिए अतिरिक्त ट्रेनों के संचालन से लेकर कुछ ट्रेनों को स्थगित तक किया था जिससे कोयले की ढुलाई के लिए रेलवे ट्रैक आराम से उपलब्ध हो सकें.  


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