PPF Rate Update: एक बार फिर पब्लिक प्रॉविडेंट फंड के निवेशकों को निराशा हाथ लगी है. नए वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए वित्त मंत्रालय ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की जो समीक्षा की है उसमें पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है. पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) पर 7.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. और अगली तिमाही में भी निवेशकों को इतना ही ब्याज मिलेगा. वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही से ही पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है जबकि सुकन्या समृद्धि योजना में दो बार बढ़ोतरी इस दौरान की जा चुकी है.
4 वित्त वर्ष से नहीं बदला पीपीएफ रेट
वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के दौरान 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने पीपीएफ पर दिए जाने ब्याज में 40 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर 8 फीसदी कर दिया था. जिसे बाद में घटा दिया गया और एक अप्रैल 2020 से लेकर 31 मार्च 2022 तक 7.1 फीसदी ही रखा गया. इस दौरान आरबीआई ने कमरतोड़ महंगाई के मद्देनजर पॉलिसी रेट्स यानि रेपो रेट में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की जिसके बाद बैंकों ने डिपॉजिट रेट्स तो सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरें बढ़ा दिए. लेकिन पब्लिक प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दरों को नहीं बढ़ाया गया. चार वित्त वर्ष से ज्यादा अब होने जा रहा है जिसमें पीपीएफ के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
लोकसभा चुनाव के तारीखों का एलान हो कभी भी हो सकता है. इसके चलते वित्त मंत्रालय ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही एक अप्रैल 2024 से लेकर 30 जून के लिए छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा पहले ही कर ली जो महीने के आखिरी हफ्ते में की जाती है. और इस समीक्षा के तहत आने वाले तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
2015-16 में 8.7 फीसदी मिलता था ब्याज
डिपॉजिट्स पर ब्याज दरों के बढ़ोतरी के दौर में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड के रेट्स में कोई बदलाव नहीं किया है जिसमें लोग टैक्स बचाने से लेकर बचत के लिहाज से लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं. 2015-16 में पीपीएफ पर 8.7 फीसदी ब्याज मिला करता था. उस लेवल से निवेशकों को भारी नुकसान हो रहा है. पीपीएफ अकाउंट में निवेशक 15 वर्षों तक लगातार निवेश कर सकते हैं.और अगर निवेशक को पैसे की आवश्यकता नहीं है तो वो पांच पांच साल के ब्लॉक अवधि के आधार पर अपने पीपीएफ अकाउंट को 15 साल के बाद एक्सटेंड भी कर सकते हैं.
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