Small Saving Schemes Rates: पीपीएफ (Public Provident Fund) और दूसरी छोटी बचत योजनाओं (Small Saving Schemes) के ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार निवेशकों को सौगात दे सकती है. 28 जून, 2024 को वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर के लिए सरकारी बचत योजनाओं के ब्याज दरों की समीक्षा कर एलान करेगी. इस समीक्षा में ये माना जा रहा कि पब्लिक प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की जा सकती है.
सरकार बढ़ाएगी ब्याज दर!
वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही अप्रैल से जून के लिए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था. छोटी बचत योजनाओं पर पहली तिमाही में वहीं ब्याज दिया गया जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथाई तिमाही में दिया गया. तब देश में लोकसभा चुनावों के चलते आचार संहिता लगा हुआ था. लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में सरकार बनी है. ऐसे में वो निवेशक जो इन योजनाओं में अपनी गाढ़ी कमाई निवेश करते हैं उन्हें सरकार तोहफा दे सकती है.
पीपीएफ के निवेशक मायूस
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने वाले निवेशकों को सरकार ने नए साल पर बड़ी सौगात दी थी. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए योजना के ब्याज दरों को 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया गया. इसके अलावा 3 साल की अवधि वाले डिपॉजिट पर ब्याज को 7 फीसदी से बढ़ाकर 7.1 फीसदी किया गया. लेकिन दूसरी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया. खासतौर से पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानि पीपीएफ के निवेशकों को फिर से मायूसी हाथ लगी है.
दूसरे सेविंग योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ी
केंद्र सरकार ने वित्त वर्ष 2020-31 की पहली तिमाही से ही पब्लिक प्रॉविडेंट फंड के ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. पीपीएफ पर निवेशकों को 7.1 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है. जबसे डिपॉजिट्स पर ब्याज दरें बढ़ने का सिलसिला शुरू हुआ है तब से सरकार ने सभी छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है. इसके अलावा सेविंग डिपॉजिट पर 4 फीसदी, 1 साल की अवधि वाले डिपॉजिट पर 6.9 फीसदी, 2 साल के टाइम डिपॉजिट पर 7 फीसदी, 5 साल के डिपॉजिट पर 7.5 फीसदी ब्याज और 5 साल के रेकरिंग डिपॉजिट पर 6.7 फीसदी ब्याज दिया जा रहा है.
पीपीएफ निवेशकों को मिलेगी सौगात!
इन सभी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें पिछले कुछ तिमाही में बढ़ाई गई है लेकिन पब्लिक प्रविडेंट फंड के ब्याज दरों को यथावत रखा गया है. आरबीआई की ओर से पॉलिसी रेट में बदलाव के आसार मौजूदा वर्ष 2024 में नजर नहीं आ रहे क्योंकि खाद्य महंगाई राह में रोड़ा बना हुआ है. ऐसे में पीपीएफ पर ब्याज दरें बढ़ने की संभावना जताई जा रही है.
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