PPF Vs NPS: रिटायरमेंट के बाद की कर रहे हैं प्लानिंग, जानें कौन सी स्कीम में पैसे निवेश करना ज्यादा फायदेमंद
Financial Planning: PPF अकाउंट में कोई भी व्यक्ति हर साल 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकता है. इसमें आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है. इस स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है.
Government Scheme for Financial Planning After Retirement: आज के समय में हर व्यक्ति अपने भविष्य को लेकर आशंकित रहता है. रिटायरमेंट के बाद पैसों (Post Retirement Planning) की सही प्लानिंग करना बहुत जरूरी है. रियायरमेंट के बाद लोगों के पास अच्छे खासे फंड होते हैं. ऐसे में इस फंड का सही निवेश (Investment Planning) करना, जिससे आपको सही तरीके से अच्छा रिटर्न मिल (Investment Return) सके इसकी प्लानिंग करना बहुत जरूरी है. रिटारमेंट की प्लानिंग सही समय से करने पर आपके पास पैसों की कमी नहीं रहती है और आपका भविष्य सुरक्षित (Future Planning) रहता है.
रिटायरमेंट के मकसद से सरकार ने दो बेहद पॉपुलर स्कीम चला रखी हैं. एक का नाम है पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) और दूसरे का नाम है नेशनल पेंशन स्कीम (NPS). PPF में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है लेकिन, नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) पैंशन सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए ही बनाया गया है. तो चलिए दोनों के बीच के अंतर के बारे में जानते हैं-
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund)
PPF अकाउंट में कोई भी व्यक्ति हर साल 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकता है. इसमें आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 80C के तहत छूट मिलती है. वहीं इसके साथ ही मैच्योरिटी पर मिलने वाले ब्याज और पैसों पर आपको किसी प्रकार का टैक्स नहीं देना पड़ता है. बता दें कि इस स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल है. लेकिन, आप चाहें तो 7 साल बाद इसका Pre Mature withdrawal कर सकते हैं.
इस पर आपको हर साल 7.1 प्रतिशत का रेट ऑफ इन्टरेस्ट सालाना कम्पाउंडिग (Interest Compounding) पर मिलता है. अगर आप हर साल 1.5 लाख रुपये पीपीएफ अकाउंट (PPF Account) में जमा करते हैं तो आपको 15 साल बाद ब्याज (Rate of Interest) लगाकर करीब 40.68 लाख रुपये मिलेंगे. इसक पर आपको कोई ब्याज नहीं देना होगा.
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नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System)
नेशनल पेंशन सिस्टम को खासतौर पर रिटायरमेंट के बाद के फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए बनाया गया है. इस स्कीम में 18 से 70 साल का कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है. इस जमा रकम की जिम्मेदारी PFRDA की ओर से रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजर्स को दिया गया है. इसके द्वारा आप इक्विटी, गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और नॉन गवर्नमेंट सिक्युरिटीज और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट में भी निवेश कर सकते हैं. आपको मैच्योरिटी पर कुल कॉपर्स का मिनिमम 40 फीसदी एन्युटी खरीदना पड़ता है. इंश्योरेंस कंपनी (Insurance Company) इसी एन्युटी के पैसों को आपको बाद में पैंशन मिलता है.
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यह पैसा टैक्स के टायरे में आता है. अगर आप 40 प्रतिशत से ज्यादा की एन्युटी खरीदते हैं तो आपको इस कारण आपको ज्यादा पेंशन मिलता है. NPS के तहत इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1B) के तहत 50 हजार रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलती है. अगर 1.5 लाख तक की सेविंग हो चुकी है तो यह एक्स्ट्रा टैक्स सेविंग्स स्कीम है.