बच्चों के जन्म के साथ ही उनके भविष्य की बेहतर प्लानिंग करना माता पिता का पहला फर्ज है.आजकल सरकार बच्चियों के बेहतर भविष्य के लिए कई विशेष योजनाएं चलाती है. इन सभी योजनाओं का मकसद है कि माता पिता को बेटी के जन्म के बाद उनकी पढ़ाई लिखाई और शादी की चिंता से मुक्ति मिल सके. अगर आप भी अपनी बच्ची के भविष्य के लिए निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपके पास दो सरकारी योजना ऑप्शन है जिसमें आप निवेश कर सकते हैं.
वह स्कीम है सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF). दोनों ही निवेश के लिए बहुत लाभकारी स्कीम है जिसमें आपको बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है. लेकिन, अगर आप दोनों में से किसी एक स्कीम में निवेश करना चाहते हैं और इसलिए किसी एक को चुनने के लिए कन्फ्यूज है तो हम आपकी इस परेशानी को दूर करने के लिए हम दोनों के निवेश के फायदा, तरीके और ब्याज दर के बारे में बताते हैं-
सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ पर मिलता है इतना ब्याज
आपको बता दें कि सुकन्या समृद्धि योजना के तहत ग्राहकों को 7.6 प्रतिशत की ब्याज दर मिलती है. वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड में आपको 7.1 प्रतिशत की ब्याज दर मिल रहा है. अगर आप केवल ब्याज दर की तुलना करें तो सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करना ज्यादा फायदेमंद हैं. एक्सपर्ट्स की यह सलाह है कि अगर आप दोनों स्कीम में निवेश करने के लिए सक्षम है तो दोनों में करें.
पीपीएफ स्कीम की खास बातें-
-इस स्कीम में आप 15 साल के लिए निवेश कर सकते हैं. बाद में अपनी जरूरत के अनुसार 5 साल और बढ़ाया भी जा सकता है.
-इस स्कीम में आप सालाना 500 रुपये के निवेश से लेकर 1.50 लाख तक का निवेश कर सकते हैं.
-इस स्कीम में बेटी या बेटी दोनों के नाम पर निवेश किया जा सकता है.
-3 साल बाद इस स्कीम पर जमा की गई राशि के 75 प्रतिशत तक लोन लिया जा सकता है.
-इस स्कीम के तहत इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.
-बच्चे के 18 साल के होने के और 15 साल की अवधि के बाद वह अकाउंट में जमा पूरे पैसे निकाल सकता है.
सुकन्या समृद्धि योजना की खास बातें-
-इस स्कीम में निवेश केवल बच्चियों के लिए ही किया जा सकता है.
-योजना के लिए खाता खुलवाते वक्त बच्ची की उम्र 10 साल से कम होनी चाहिए.
-बच्ची के 18 साल के होने के बाद वह पढ़ाई के लिए पैसे निकाल सकती हैं.
-वहीं बच्ची के 21 साल होने के बाद वह शादी के खर्चे के लिए पैसे निकाल सकती हैं.
-इस स्कीम में साल का 250 रुपये के निवेश से 1.5 लाख तक का निवेश किया जा सकता है.
-इस स्कीम के तहत आपको इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है.
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