नई दिल्लीः जीएसटी को लागू 1 जुलाई से होना है लेकिन इसका असर उससे पहले ही दिख रहा है, करीब-करीब हर कंपनी अपने उत्पादों पर बड़ी छूट दे रही है, एसी, फ्रिज, टीवी, मोबाइल सहति दूसरे कई इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर ऑफर्स की भरमार है, प्री जीएसटी सेल में कार और बाइक कंपनियां भी पीछे नहीं हैं, यहां भी बड़ी छूट मिल रही है.


मारूति की कारों पर जो छूट पहले से मिल रही थी उसमें 10 हजार रुपये बढ़ा दिए गए हैं, टोयोटा का भी ऐसा ही ऑफर है, टाटा भी अपनी कार टिगोर पर अच्छी डील दे रही है, बाइक पर भी सेल चल रही है, और ये सब इसलिए हुआ है क्योंकि जीएसटी की वजह से बंपर सेल शुरू हो गयी है.


प्री-जीएसटी सेल में मिल रही डील्स में 60 हजार रुपये का 32जीबी वाला आईफोन 7 अब 40 हजार में मिल रहा है. एचपी का गेमिंग लैपटॉप जिसकी कीमत करीब 85 हजार रुपये है, सेल में करीब 65 हजार रुपये में मिल रहा है. कैनन का फाइव डी कैमरा जिसकी कीमत करीब सवा तीन लाख रुपये है, वो जीएसटी लागू होने से पहले 2 लाख पैंसठ हजार में मिल रहा है. 1 लाख रुपये वाला एलईडी टीवी 50 फीसदी डिस्काउंट के साथ 50 हजार रुपये में मिल रहा है


अलग-अलग कंपनियों की कार पर 15 हजार से लेकर 60 हजार रुपये तक का डिस्काउंट दिया जा रहा है. जो कस्टमर अभी गाड़ी खऱीदेंगे तो उसको अच्छा फायदा होने वाला तय है.

ब्रैंडेड कपड़ों की कंपनियों ने भी भारी छूट का ऐलान किया है, 40 से लेकर 60 फीसदी तक की छूट दी जा रही है, जानकारों के मुताबिक कंपनियां इस बात से घबराई हुई हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद उनके कारोबार पर टैक्स का कैसा और कितना असर होगा, इसीलिए कंपनियां पुराना स्टॉक कम से कम रखना चाहती हैं जिससे जीएसटी के कठिन कानून प्रक्रियाओं और इनपुट क्रेडिट क्लेम के झंझट से बचा जा सके. साथ ही जीएसटी की आड़ में कंपनियां बाज़ार की सुस्ती में अपने कारोबार को बढ़ाने का भी काम कर रही हैं.


कल ही 2 व्हीलर की दिग्गज कंपनी बजाज ऑटो ने भी अपनी बाइक्स पर 4500 रुपये तक की छूट देने का ऐलान किया है. वहीं ऑडी भी पहले ही अपनी कार पर भारी छूट का ऐलान कर चुकी है. जहां गारमेंट कंपनियां अपने पुराने माल को ठिकाने लगा रही हैं वहीं कार बनाने वाली कंपनियां 2.5 लाख रुपये तक की छूट दे रही है. लिवाइस, रीबॉक और वुडलैंड इस समय अपने उत्पादों पर भारी छूट दे रही हैं.

वुडलैंड वर्ल्डवाइड के प्रबंध निदेशक हरकीरत सिंह ने कहा कि रिटेलर ज्यादा मात्रा में पुराने माल को अपने पास नहीं रखना चाहते क्योंकि नई टैक्स प्रणाली में उनका मार्जिन बदलने की संभावना है. कोई भी ब्रांड एक जुलाई से पहले अपना पूरा पुराना माल नहीं बेच सकती लेकिन हम ज्यादा से ज्यादा माल बेचने की कोशिश कर रहे हैं.