ट्रंप प्रशासन ने H-1B वीजा से जुड़े नियमों में कुछ छूट दी है. अगर H-1B  वीजा चाहने वाले कुछ शर्तों को पूरा करते हैं तो उन्हें यह दिया जा सकता है. ये छूट  उन तकनीकी एक्सपर्ट्स, सीनियर लेवल मैनेजरों और दूसरे कर्मचारियों दी जाएगी, जिनकी सर्विस अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी है. बुधवार को जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि ऐसे H-1B और L-1 visa धारक अपनी पुरानी नौकरी ज्वाइन करने के लिए अमेरिका आ सकेंगे, जिनकी सर्विसेज अमेरिकी इकनॉमी के रिवाइवल जरूरी है.


प्राइमरी वीजा होल्डर के साथ पत्नी और बच्चोंं की भी इजाजत


हालांकि ऐसे लोगों को बुनियादी सेवाओं जैसे कम्यूनिकेशन, इरमजेंसी सर्विस, फाइनेंशियल सर्विसेज, फूड, एग्रीकल्चर और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों से जुड़ा होना चाहिए.एडवाइजरी में ये भी कहा गया है कि प्राइमरी वीजा होल्डर के साथ ही उसकी पत्नी और बच्चों को भी अमेरिका आने की इजाजत होगी.इस एडवाइजरी में कहा गया है कि अमेरिका की आर्थिक रिकवरी के लिए ये कर्मचारी जरूरी हैं. ऐसी स्थित में यहां की कंपनियां यह नहीं कह सकतीं की ज्यादा कर्मचारियों की नियुक्ति से उनकी आर्थिक परेशानियां बढ़ जाएंगीं. एक इमिग्रेशन अटॉर्नी ने अपने ट्वीट में कहा कि अमेरिकी सरकार के इस फैसले से अमेरिका से बाहर फसे H-1B वीजा धारकों को अपनी पुरानी नौकरी पर लौटने की अनुमति मिलेगी.


22 जून को लगाया था H-1B वीजा पर बैन


ट्रंप ने 22 जून को एक आदेश पर हस्ताक्षर तक कोविड महामारी से कोरोना वायर से पैदा हालात के मद्देनजर H-1B पर इस साल के अंत तक रोक लगा दी थी. इस आदेश के जरिए अमेरिका ने तकरीबन 3,75 लाख अस्थायी वीजा धारकों और ग्रीन कार्ड आवेदकों की अगले साल तक अपने देश में एंट्री बंद कर दी थी. इनमें से बड़ी तादाद में भारतीय हैं जो लॉकडाउन में फंसे हुए हैं. कई भारतीय अपने परिवार से बिछड़ गए हैं. ट्रंप सरकार के नए आदेश के बाद उन्हें काफी राहत मिली होगी.


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