नई दिल्लीः काली कमाई पर 50 फीसदी टैक्स चुकाकर सफेद बनाने की योजना, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ‘फ्लॉप’ रही है. खुद वित्त मंत्रालय ने माना कि योजना में 5000 करोड़ रुपये के करीब की ही काली कमाई की जानकारी दी गयी.


राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया का कहना है कि महज 5000 करोड़ रुपये की ही जानकारी देने की मुख्य तौर पर दो वजह है. एक, जहां योजना शुरु होने के पहले ही लोग अलग-अलग खातो में पैसा जमा करा चुके थे, वहीं लोगों को लगा कि तीन चौथाई रकम ब्लॉक हो जाएगी. योजना के तहत विकल्प था कि यदि बैंक में रकम जमा कराने के बाद कोई व्यक्ति गरीब कल्याण योजना में भाग लेने के लिए स्वेच्छा से आता है तो उसे जमा करायी गयी कुल रकम पर 49.9 फीसदी की दर से टैक्स जमा करना होगा. साथ ही कुल रकम का एक चौथाई बगैर ब्याज वाले 4 साल की जमा योजना में डाली जाएगी जबकि बाकी रकम तुरंत मिल जाएगी. दूसरे शब्दों में कहें तो 1 करोड़ रुपये की अघोषित आय में 50 लाख रुपये सरकार के पास चला जाएगा. बाकी 25 लाख रुपये 4 साल बाद मिलेंगे, जबकि बाकी 25 फीसदी तुरंत.


5000 करोड़ रुपये की रकम की जानकारी का मतलब ये हुआ कि सरकार को टैक्स से महज 2500 करोड़ रुपये की कमाई हुई, जबकि उम्मीद लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा की थी. दूसरी ओऱ चार साल तक 1250 करोड़ रुपये बैंक में जमा कराने पर करीब 350 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होगी. गरीबों के कल्याण के लिए इतनी रकम कुछ खास फायदा नहीं देने वाली.


योजना के निराशाजनक प्रदर्शन पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इसका मुकाबला समान खासियतों वाली दूसरी योजनाओं के साथ था. पहले इनकम डिस्क्लोजर स्कीम यानी आईडीएस आय़ा. दूसरी ओर जिन लोगों ने अपनी आमदनी के मुकाबले ज्यादा रकम बैंकों में जमा कराया, उससे आयकर विभाग ने पूछताछ की. जिन लोगों ने जवाब दिए, उनकी पड़ताल की जा रही है और जिन्होंनें नहीं दिए, उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया जा रहा है. जेटली के मुताबिक, तीसरा मुद्दा ये है कि उसी समय बेनामी लेन-देन पर पर रोक से जुड़े कानून को लागू किया गया.


सरकार पहले ही कह चुकी है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक 23 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा अघोषित आय का पता चला. दूसरी ओर नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक कर दाताओं की संख्या 91 लाख बढ़ गयी. सरकार का कहना है कि




  • करीब 18 लाख ऐसे लोगों की पहचान की गयी जिनकी ओर से बैंक में जमा करायी गयी नगदी और उनके आयकर रिटर्न मेल नही खा रहे थे. इन सभी को ऑनलाइन जवाब देने को कहा गया.

  • कुल 9.72 लाख लोगो ने अपने 13.33 लाख खातों में जमा करायी गयी 2.89 लाख करोड़ रुपये की रकम के बारे में ब्यौरा दिया गया है. इन सभी जवाब की पड़ताल की गयी है औऱ संतोषजनक जवाब होने की सूरत में कई कार्रवाई नहीं होगी.

  • अब 5.68 लाख नए मामलों की पहचान की गयी है जिनसे ऑनलाइन जवाब मांगा जाएगा

  • यही नही 1.58 लाख लोगों के ऐसे 3.71 लाख खातों की पहचान की गयी है जिन्होंने पहले संतोषजनक जवाब नहीं दिय़ा था.
    इसी सब को देखते हुए ऑपरेशन क्लीन मनी का दूसरा चरण शुरु किया जा रहा है जिसके तहत पहचान किए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.