Budget 2023-24: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ प्री-बजट मीटिंग का दौर सोमवार को खत्म हो चुका है. उद्योग जगत से लेकर कृषि क्षेत्र के जानकार और अर्थशास्त्रियों ने बजट को लेकर अपनी मांगों की फेहरिस्त वित्त मंत्री को सौंप दी है. अब आम लोगों से सुझाव मांगा जा रहा है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करते हुए आम लोगों से बजट को लेकर सुझाव मांगे हैं.  


पीएम मोदी ने मांगा सुझाव 
अगर आप भी मोदी सरकार को बजट को लेकर कोई सुझाव देना चाहते हैं तो www.mygov.in वेबसाइट पर जाकर आप बजट को लेकर मोदी सरकार से अपनी मांगों की फेहरिस्त सौंप सकते हैं.  24 नवंबर से लेकर 10 दिसंबर, 2022 तक आम लोगों से बजट को लेकर सुझाव मांगा गया है. तो अब खुद प्रधानमंत्री भी लोगों से सुझाव देने को कह रहे हैं.   






मोदी सरकार का 10 वां पूर्ण बजट!
एक फरवरी 2023 को मोदी के दूसरे कार्यकाल का पांचवा और आखिरी पूर्ण बजट निर्मला सीतारमण पेश करेंगी तो 2014 के बाद ये बजट मोदी सरकार का 10 वां पूर्ण बजट होगा. निर्मला सीतारमण भी लगातार पांचवीं बार बजट पेश करेंगी.  2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ये आखिरी पूर्ण बजट है और इस बजट के जरिए मोदी सरकार के सामने सभी लोगों को खुश करने की चुनौती होगी. सोमवार 28 नवंबर, 2022 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अलग अलग स्टेकहोल्डर्स के साथ आठ प्री-बजट मीटिंग का दौर खत्म हो चुका है. इस दौरान वित्त मंत्री ने अलग से राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ भी प्री-बजट मीटिंग की है और उनके मांगों को सुना है. 


बजट से उम्मीदें!
एक तरफ आम लोग महंगाई से परेशान है. खाने-पीने की चीजों से लेकर ईएमआई महंगी हो गई है. आमदनी उस रफ्तार से नहीं बढ़ी है जिस रफ्तार से महंगाई में इजाफा हुआ है. उसपर से वैश्विक आर्थिक संकट के साथ अमेरिका यूरोप में मंदी आने की संभावना ने सरकार के सामने नई चुनौती पैदा कर दी है. सरकार पर बजट के जरिए आम लोगों को महंगाई से राहत देने के साथ अर्थव्यवस्था को वैश्विक झटकों से बचाने की भी चुनौती होगी.  वित्त मंत्री के साथ जो प्री-बजट मीटिंग हुई है उसमें  इनकम टैक्स में कटौती करने के साथ टैक्स नियमों को युक्तिसंगत बनाने की मांग की गई है. कोरोना के बाद रोजगार का संकट बढ़ा है. तो सरकार से रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए शहरी इलाकों में मनरेगा के तर्ज पर रोजगार गारंटी योजना लाए जाने की मांग की गई है. आधारभूत ढांचे की मजबूती पर खर्च बढ़ाने से लेकर सोशल सेक्टर पर खर्च बढ़ाने की का सुझाव दिया गया है. शिक्षा और स्वास्थ्य पर भी बजट आवंटन बढ़ाने की मांग की गई है.


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