नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि फेसबुक और क्रैंबिज एनालिटिका की ओर से व्यक्तिगत जानकारियों को दुरुपयोग दोबारा नहीं हो. इस बाबत उन्होंने कानून, सूचना तकनीक व इलेक्ट्रॉनिक मंत्री रविशंकर प्रसाद को निर्देश दिए हैं. उधर, इस मामले को लेकर प्रसाद ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.
सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद मोदी ने प्रसाद को ऐसे कदम उठाने को कहा जिससे डाटा लीक जैसी घटना दोबारा नहीं हो. दरअसल, फेसबुक और क्रैंबिज एनालिटिका पर विभिन्न देशो में लोगों की व्यक्तिगत जानकारी के दुरुपयोग का आरोप है. अकेले भारत मे ही 5.62 फेसबुक यूजर्स की जानकारियों के गलत इस्तेमाल का आरोप है. इस मामले में फेसबुक और क्रैंबिज एनालिटिका दोनों से ही सरकार ने जवाब तलब किया था.
“फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका का जवाब सरकार को मिल चुका है. अब सरकार इस पर विचार कर रही है,” सूचना तकनीक मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा. हालांकि उन्होंने ये बताने से इनकार कर दिया कि जवाब में दोनों ही कंपनियों ने क्या कहा है और अब आगे इस पर क्या कार्रवाई होगी. उधर, प्रसाद की अध्य़क्षता में सूचना तकनीक मंत्रालय की बैठक हुई जिसमें फेसबुक-क्रैंबिज एनालिटिका मामले के बाद उपजी स्थिति पर चर्चा की गयी. हालांकि अधिकारियों ने इस बैठक के बारे में कोई ब्यौरा देने से इनकार कर दिया.
जब से डाटा लीक का मामले सामने आया है तब से राजनीतिक स्तर पर आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहे हैं. सत्तारुढ़ भाजपा और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने एख दूसरे पर कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं लेने का आरोप लगाया है. कांग्रेस का आरोप है कि मोसुल में मारे गए 39 भारतीयों के मुद्दे से भटकाने के लिए ही भाजपा ने कांग्रेस पर कथित एजेंसी की सेवाएं लेने का आरोप लगाया, जबकि भाजपा का कहना है कि कांग्रेस आध्यक्ष राहुल गांधी का पूरा सोशल मीडिया अभियान कैंब्रिज एनालिटिका की मदद से संचालित किया जाता है और उन्होंने बैठक भी की है. भाजपा ने ये भी साफ कर दिया है कि उसने कभी कैंब्रिज एनालिटिका की सेवाएं ली ही नहीं.
क्या है आरोप
कैम्ब्रिज एनेलिटिका कंपनी पर आरोप है कि उसने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर एक ऐप चला कर करीब 5 करोड़ लोगों की जानकारियां चुरायी, जिसका बाद में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप के चुनाव में इस्तेमाल किया गया. दरअसल, एक ब्रितानी न्यूज चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में ये बात सामने आयी कि खास राजनीतिक दल को जीत दिलाने के लिए कैंब्रिज एनालिटिका हर तरह के हथकंडे का इस्तेमाल करती है. चुनाव के वक्त कंपनी सोशल मीडिया पर खास तरह का अभियान चलाती है.
स्टिंग से ये भी पता चला कि फेसबुक, ट्विटर या दूसरी सोशल मीडिया पर यूजर की विभिन्न जानकारियों, मसलन वो कितना समय बिताता है, क्या पढ़ता है, क्या लिखता है, का इस्तेमाल कैंब्रिज एनालिटिका कर अपने क्लायंट राजनीतिक पार्टी को फायदा पहुंचाती है.