नई दिल्लीः केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली आज हलवा सेरेमेनी के तहत हलवा बनाकर बजट 2017-18 के दस्तावेजों की छपाई का काम शुरू करवाएंगे. इसी के साथ करीब समेत प्रिंटिंग प्रेस के तमाम कर्मचारियों समेत वित्त मंत्रालय के 100 अधिकारियों को बजट पेश होने तक नजरबंद कर दिया जाएगा. मिनिस्ट्री ऑफ फाइनेंस ने आज इसकी जानकारी ट्वीट के जरिए दी है. इस बार केंद्र सरकार 1 फरवरी को आम बजट पेश करेगी. बजट 2017-18 के दस्तावेजों की प्रिंटिंग की प्रक्रिया गुरुवार यानी आज 19 जनवरी को हलवा सेरेमनी की परंपरा के साथ शुरू हो जाएगी.
यह पारंपरिक हलवा सेरेमनी पिछले साल 19 फरवरी को हुई थी और अरुण जेटली ने 29 फरवरी को बजट पेश किया था. पर इस बार बजट 1 फरवरी को पेश होगा और इसी कारण ये सेरेमनी 19 जनवरी यानी आज की जाएगी. एनडीए सरकार द्वारा इस साल पेश होने वाला बजट तीसरा बजट होगा जो 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा.
जब तक आम बजट संसद में पेश नहीं हो जाता तब तक तमाम अधिकारी और कर्मचारी प्रिंटिंग प्रेस और नॉर्थ ब्लॉक से बाहर नहीं निकलेंगे. ऐसा हर साल बजट से पहले किया जाता है. बजट पेश होने से पहले प्रस्तावित प्रावधान लीक न हो जाएं. बहरहाल, बता दें कि जब बजट का प्रारूप तैयार हो जाता है और फाइनल प्रिंटिंग के लिए उसे भेजा जाता है, तो छपाई का काम शुरु होने से पहले ही यह हलवा बनाने की रस्म पूरी की जाती है. एक बड़ी कढ़ाई में हलवा तैयार किया जाता है. सभी अधिकारी बजट का फाइनल काम शुरु होने से पहले इसका उत्सव मनाते हैं. इन अधिकारियों और कर्मचारियों की सुरक्षा का जिम्मा आईबी से लेकर दिल्ली पुलिस और सीआईएसएफ पर होता है.
- क्या है हलवा सेरेमनी और क्या है इसकी परंपरा?
यह बजट दस्तावेजों की छपाई से पहले की एक रस्म है और पारंपरिक रूप से मनाई जाती है. कहते हैं कि परंपरा के मुताबिक हलवा खुद वित्त मंत्री बजट से जुड़े सभी लोगों को बांटते हैं. - बजट दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत से पहले हलवा सेरेमनी काफी लंबे समय से मनाई जाती रही है. इस रस्म के तहत एक बड़ी सी कढ़ाई में हलावा तैयार किया जाता है जिसे मंत्रालय के सभी कर्मचारियों के बीच बांटा जाता है.
- हलवा बांटे जाने के बाद वित्त मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है. इन्हें नार्थ ब्लॉक में बजट प्रेस में ही रखा जाएगा. हलवा सेरेमनी के बाद ‘लॉक इन’ बजट तैयार करने की प्रक्रिया को गोपनीय रखने के लिए किया जाता है.
- ये वे कर्मचारी जो प्रत्यक्ष तौर पर बजट बनाने से लेकर उसकी प्रिंटिंग की प्रक्रिया से जुड़े होते हैं. लोकसभा में वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किए जाने तक ये कर्मचारी अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं कर सकते. इस रस्म के बाद वित्त मंत्रालय के सिर्फ अति वरिष्ठ अधिकारी को ही अपने घर जाने की अनुमति मिलती है.
- हलवा बांटे जाने के बाद वित्त मंत्रालय के ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों को मंत्रालय में ही पूरी दुनिया से कट कर रहना होता है. बजट बनाने की प्रक्रिया में लगे 100 अधिकारी 2-3 सप्ताह तक नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं. वे वहां तब तक रहते हैं जब तक वित्त मंत्री बजट वाले दिन अपना भाषण खत्म नहीं कर लेते.
- इस दौरान ये बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कटे हुए होते हैं. एक जानकारी के मुताबिक, यहां तक कि वे अपने परिवारों के संपर्क में भी नहीं होते. उनके पास केवल एक फोन होता है जिसके जरिए वे केवल कॉल रिसीव कर सकते हैं, मगर कहीं कॉल कर नहीं सकते हैं. बजट पत्र वित्त मंत्रालय के निजी प्रेस में छपते हैं.
- बजट पेश करने से पहले फाइनेंस मिनिस्टर कुछ दस्तावेज पढ़ते हैं. इन दस्तावेजों की प्रिटिंग शुरू होने से पहले नॉर्थ ब्लॉक में 'हलवा समारोह' बनाया जाता है जिसके बारे में कहते हैं कि इसे वित्त मंत्री खुद तैयार करते हैं और इसे बजट में लगे सभी कर्मियों में बांटा जाता है. एक बड़ी कड़ाही में इसे तैयार किया जाता है.
सिर्फ अति वरिष्ठ अधिकारी ही अपने घर जा सकते हैं दरअसल, बजट तैयर करने की प्रक्रिया की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए ऐसा किया जाता है क्योंकि बजट किसी भी सरकार का गोपनीय दस्तावेज है. इन अधिकारियों को अपने परिजनों से फोन के जरिए भी बात करने की मनाही होती है. वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को ही केवल घर जाने की अनुमति होती है. करीब 100 अधिकारी बजट के प्रिंटिंग में शामिल होते हैं.