Salary Hike News: कॉरपोरेट्स के मुनाफे में छप्पड़फार बढ़ोतरी, फिर भी नहीं बढ़ रही कर्मचारियों की सैलरी!
Private Sector Employees: प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की कम सैलरी की मार अब देश के विकास पर पड़ने लगी है. हाल ही में देश में अर्थव्यवस्था के विकास के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं.
Low Salary Growth Rate: प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की सैलरी ग्रोथ की रफ्तार में आई सुस्ती से अब सरकार ही परेशान हो गई है. कम सैलरी की मार अब देश के विकास पर पड़ने लगी है. हाल ही में देश में अर्थव्यवस्था के विकास के चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की कम सैलरी को लेकर भारत सरकार की चिंता इसलिए और भी ज्यादा है, क्योंकि प्राइवेट कंपनियों का मुनाफा कोई कम नहीं है. इसके बाद भी सैलरी बढ़ने का ग्राफ फ्लैट है. सैलेरी ग्रोथ की रफ्तार के सुस्त पड़ने का असर खपत और डिमांड पर पड़ा है. शहरी खपत लगातार कम हो रही है.
मुनाफा बढ़ा 400%, सैलरी ग्रोथ 4% भी नहीं
प्राइवेट कर्मचारियों की कम सैलरी को लेकर सरकार इसलिए भी टेंशन में है, क्योंकि जुलाई से सितंबर की तिमाही में जीडीपी केवल 5.4 फीसदी बढ़ी. इसके पीछे का बड़ा कारण यह सामने आ रहा है कि 2019 से 2023 के बीच कॉरपोरेट कंपनियों के मुनाफे में चार गुना यानी 400 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी हुई है, जबकि इसी दौरान प्राइवेट कर्मचारियों के वेतन चार फीसदी भी नहीं बढ़े हैं. भारत सरकार की ओर से फिक्की और क्वेश कॉर्प लिमिटेड की ओर से तैयार कराए गए आंकड़ों से यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है.
इस रिपोर्ट को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, इंजीनियरिंग, मैनुफैक्चरिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तो केवल 0.8 फीसदी सैलेरी में इजाफा हुआ है. एफएमसीजी कंपनियों में भी वेतन केवल 5.4 फीसदी बढ़ा है. प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों की हालत बदतर होते जाने का यह भी कारण है कि महंगाई को मिलाकर उनके वेतन को बढ़ने की जगह गिरा हुआ ही कहा जा सकता है. क्योंकि इन कर्मचारियों की खरीदारी की क्षमता में भारी कमी के संकेत देखे जा रहे हैं.
CEA ने कहा, गिरेबां में झांके उद्योग जगत
प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों की खराब सैलरी के कारण देश की अर्थव्यवस्था में आ रही सुस्ती को लेकर भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने उद्योग जगत को अपने गिरेबां में झांकने के लिए कहा है. दो कॉरपोरेट सम्मेलनों में नागेश्वरन ने कहा कि अगर कर्मचारियों की सैलरी नहीं बढ़ी तो देश को भारी नुकसान हो सकता है. इसका खामियाजा अंततः कॉरपोरेट सेक्टर को भी उठाना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि प्राइवेट कर्मचारियों के वेतन में अगर सुधार नहीं हुआ तो उनकी खरीदारी की क्षमता घटने से बाजार पर भारी मार प़ड़ेगी. उद्योग के उत्पादों के खऱीदने के लिए बाजार में मांग नहीं होगी. यह कॉरपोरेट के लिए आत्मघाती कदम होगा.
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