नई दिल्लीः निजी क्षेत्र कोविड-19 टीके के वितरण और प्रशासन में सरकार का सहयोग करने का इच्छुक है. उद्योग मंडल फिक्की ने गुरुवार को यह बात कही. इस बारे में फिक्की ने एक विस्तृत योजना सौंपी है.
फिक्की-ईवाई के ‘भारत का संरक्षण-कोविड-19 टीकाकरण के लिए रणनीतिक परिपत्र’ में बताया गया है कि किस तरह से स्वास्थ्य देखभाल सहित निजी क्षेत्र इस काम में सरकार का सहयोग कर सकता है. यह रणनीतिक पत्र कोविड-19 टीके के प्रशासन पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह (एनईजीवीएसी) को पिछले महीने सौंपा गया.
सबसे बड़ा और जटिल टीकाकरण कार्यक्रम
फिक्की की स्वास्थ्य सेवा समिति के प्रमुख तथा मेडिका ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के चेयरमैन आलोक राय ने बयान में कहा, ‘‘हम सबसे बड़ा और जटिल टीकाकरण कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं. इसकी सफलता के लिए प्रभावी भागीदारी तथा सुगम सहयोग जरूरी है. हम उम्मीद करते हैं कि सरकार ने देशभर में लक्षित टीकाकरण की प्रक्रिया को तेज करने में निजी क्षेत्र की प्रतिबद्धता पर संज्ञान लिया होगा.’’
विभिन्न क्षेत्रों अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया परिपत्र
फिक्की-ईवाई का यह परिपत्र स्वास्थ्य सेवा, फार्मास्युटिकल्स, चिकित्सा उपकरण, लॉजिस्टिक्स, शीत भंडारण और संबद्ध क्षेत्रों के विभिन्न अंशधारकों के साथ विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया है. इसमें कहा गया है कि टीकाकरण कार्यक्रम के लिए भारत को 1.3-1.4 लाख टीकाकरण केंद्रों, एक लाख स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों तथा 2 लाख अन्य सहयोगियों कर्मचारियों/कार्यकर्ताओं की जरूरत होगी.
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