Reduce EMI: आप डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, चार्टर्ड एकाउंटेंट या दूसरे किसी भी तरह के प्रोफेशनल हैं और अपनी प्रैक्टिस को बढ़ाने के लिए आपको कुछ इन्फ्रास्ट्रक्चर की जरूरत है. इसके लिए फिलहाल आपके पास पैसे नहीं हैं, तो आपको चिंता की कोई जरूरत नहीं है. आपको कोई भी बैंक आसानी से प्रोफेशनल लोन दे सकता है. दूसरी वित्तीय संस्थाएं भी ऐसा कर सकती हैं.
यह लोन आपको खर्च करने में फ्लेक्सिबिलिटी प्रदान करता है. यानी आपको इसका पैसा कहां खर्च करना है, इस बारे में कुछ ज्यादा बंधन नहीं डालता है. परंतु इसकी ईएमआई आपकी चिंता बढ़ा सकती है. लेकिन कुछ खास रणनीति अपनाकर आप अपनी ईएमआई के बोझ को कम कर सकते हैं.
ये तरीके अपना कर अपनी ईएमआई घटा सकते हैं
आपका क्रेडिट स्कोर आपके लोन का इंट्रेस्ट रेट तय करने में काफी बड़ी भूमिका अदा करता है. इसलिए अपने क्रेडिट स्कोर को हमेशा हाई रखें. पहले के जो भी लोन हैं, उनकी ईएमआई का समय पर भुगतान कर दें. अपनी क्रेडिट लिमिट को ओवर यूटिलाइज करने से बाज आएं. इसके अलावा अपने क्रेडिट स्कोर को हमेशा 750 से ऊपर बनाए रखें.
अगर ईएमआई को कम रखना आपकी प्राथमिकता में शामिल है तो बैंक के साथ लोन लंबी अवधि में चुकाना तय करें. आपका लोन पीरियड जितना अधिक लंबा रहेगा, आपकी ईएमआई उतनी ही कम रहेगी. अगर आप पांच लाख रुपये का लोन 12 फीसदी ब्याज दर पर तीन साल के लिए लेते हैं या पांच साल के लिए लेते हैं तो पांच साल के लिए लिए गए लोन में ईएमआई जरूर कम रहेगी.
बैंक से लोअर इंट्रेस्ट रेट के लिए निगोशिएट करें
बैंक से लोअर इंट्रेस्ट रेट के लिए निगोशिएट करना भी आपकी ईएमआई कम करने में मददगार साबित हो सकता है. इसके लिए अपने लॉयल कस्टमर होने से लेकर क्लीन क्रेडिट हिस्ट्री तक का हवाला दें. फिर भी अगर बैंक इंट्रेस्ट रेट कम नहीं कर रहा है तो लोन सैंक्शन होने के बाद फेवरेबल इंट्रेस्ट रेट लेने वाले बैंक से लोन को रिफाइनांस करा लें. समय से पहले लोन का बड़ा हिस्सा चुकाना भी आपकी आगे की ईएमआई को कम कर सकता है. इसके अलावा ईएमआई कैलकुलेटर को तरह-तरह से आजमाना भी आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
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