PSBs Net Profit: पिछले वित्त वर्ष सरकारी बैंकों का मुनाफा इतना रहने की उम्मीद, सबसे आगे होगा ये बैंक
Public Sector Banks: पिछले वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही मार्च महीने में समाप्त हुई और उस दौरान सरकारी बैंकों का प्रदर्शन ठीक रहा. इसी कारण पूरे वित्त वर्ष में मुनाफा बढ़ने की उम्मीद है...
मार्च तिमाही में बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहने के साथ ही समाप्त वित्त वर्ष में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का मुनाफा रिकॉर्ड एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. फंसे कर्ज की संख्या कम होने और कर्ज की अच्छी वृद्धि से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का प्रदर्शन नई ऊंचाई पर जा सकता है.
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी का मानना है कि देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई मार्च, 2023 को समाप्त वित्त वर्ष में 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ अर्जित कर सकता है. वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों में एसबीआई ने कुल 33,538 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 31,675.98 करोड़ रुपये से कुछ अधिक है.
साल भर पहले से ज्यादा मुनाफा
इसी तरह सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य बैंकों के भी एनपीए में गिरावट आने, कर्ज में 10 फीसदी से ज्यादा वृद्धि होने और ब्याज दरों के बढ़ने के चलते मुनाफा सुधरने की संभावना है.
वित्त वर्ष 2022-23 के पहले नौ महीनों में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने 70,166 करोड़ रुपये का कुल लाभ अर्जित किया था, जो एक साल पहले की समान अवधि के 48,983 करोड़ रुपये की तुलना में 43 प्रतिशत अधिक है.
पंजाब एंड सिंध बैंक के प्रबंध निदेशक स्वरूप कुमार साहा ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह सिलसिला चौथी तिमाही में भी जारी रहेगा. पूरी संभावना है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक चौथी तिमाही में लगभग 30,000 करोड़ रुपये कमाएंगे. इस तरह वित्त वर्ष 2022-23 में इन बैंकों का कुल लाभ करीब एक लाख करोड़ रुपये रहेगा.’’
ऐसे रहे पहले नौ महीने
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पहली तिमाही में लगभग 15,306 करोड़ रुपये का कुल लाभ अर्जित किया था, जो दूसरी तिमाही में बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये और तीसरी तिमाही में 29,175 करोड़ रुपये हो गया. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को छोड़कर सार्वजनिक क्षेत्र के बाकी सभी बैंकों ने दिसंबर तिमाही में शुद्ध लाभ में वृद्धि दर्ज की थी.
दो बड़े सरकारी बैंकों का हाल
फंसे कर्जों के लिए अधिक प्रावधान करने से अक्टूबर-दिसंबर, 2022 तिमाही में पीएनबी का शुद्ध लाभ 44 प्रतिशत घटकर 628 करोड़ रुपये रह गया. इस दौरान एसबीआई ने 68 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 14,205 करोड़ रुपये का सर्वाधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया.
हालांकि, साहा ने यह माना कि बढ़ती जमा दरों और चालू खातों एवं बचत खातों (कासा) में गिरावट आने से सभी बैंकों के शुद्ध ब्याज मार्जिन पर दबाव रहेगा. उन्होंने कहा कि ज्यादातर बैंकों ने बढ़ती ब्याज दरों के बावजूद चौथी तिमाही में अच्छी ऋण वृद्धि दर्ज की है.
इन फैक्टर्स का दिखेगा असर
ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड ने अपनी शोध रिपोर्ट में कहा है कि पीएसबी का फंसे कर्जों के लिए वित्तीय प्रावधान तिमाही-दर-तिमाही आधार पर कम होने की संभावना है. एनपीए में कमी आने और लंबित वित्तीय प्रावधान काफी हद तक हो जाने से इसमें कमी आ सकती है.
सभी प्राइवेट बैंकों का सुधरा हाल
जहां तक निजी क्षेत्र के बैंकों का सवाल है तो तीसरी तिमाही में उनका लाभ एक साल पहले की तुलना में 33 प्रतिशत बढ़कर 36,512 करोड़ रुपये हो गया था. बंधन बैंक और यस बैंक को छोड़कर बाकी सभी निजी बैंकों का तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ बढ़ा था.
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