Real Estate: बड़े घरों की डिमांड कर रहे लोग, भरता जा रहा सरकार का खजाना
Property Rate in India: रिपोर्ट के अनुसार, 500-1,000 स्क्वायर फीट वाले अपार्टमेंट की डिमांड में उछाल आया है. उधर, 500 स्क्वायर फीट से छोटे घरों के रजिस्ट्रेशन कम हुए हैं.
Property Rate in India: कोविड 19 महामारी झेलने के बाद लोगों की सोच में बड़ा बदलाव आया है. रियल एस्टेट सेक्टर भी इससे अछूता नहीं रहा है. देश भर में पिछले 2 सालों में घरों की खरीद तेजी से बढ़ी है. इसके साथ ही अब लोग छोटे घरों को पसंद नहीं कर रहे हैं. उनकी चाहत बड़े और लग्जरी फ्लैट बन चुके हैं. देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी रियल एस्टेट सेक्टर आसमान छू रहा है. यहां जगह की कमी के चलते पहले ही घर बहुत महंगे थे. अब मुंबई से सटे इलाकों में भी प्रॉपर्टी के रेट उड़ान पर हैं. मुंबई में न सिर्फ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन बढ़े हैं बल्कि सरकारी खजाने में भी ज्यादा पैसा गया है.
जुलाई में 12,160 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन मुंबई में हुआ
एक रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई में जुलाई, 2024 में 12,160 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ है. यह पिछले साल की समान अवधि में हुए 10,221 रजिस्ट्रेशन के मुकाबले 16 फीसदी ज्यादा है. महाराष्ट्र के इंस्पेक्टर जनरल ऑफ रजिस्ट्रेशन एंड कंट्रोलर ऑफ स्टाम्प के आंकड़ों के आधार पर नाइट फ्रैंक इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में जानकारी दी है कि जून, 2024 में 11,673 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ था. इससे सरकारी खजाने में लगभग 1,055 करोड़ रुपये गए. यह पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 27 फीसदी ज्यादा है.
1,000 स्क्वायर फीट वाले अपार्टमेंट की बढ़ रही डिमांड
रिपोर्ट के अनुसार, जनवरी से जुलाई, 2024 तक मुंबई में 84,653 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन हुआ है. यह साल 2023 की समान अवधि के मुकाबले 16 फीसदी ज्यादा है. इससे सरकार को 6,929 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है. हर महीने मुंबई में औसतन 12,093 प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन हो रहे हैं और इनसे 987 करोड़ रुपये का रेवेन्यू आ रहा है. इनमें 500-1,000 स्क्वायर फीट वाले अपार्टमेंट का हिस्सा 49 फीसदी और 500 स्क्वायर फीट तक के 33 फीसदी थे. जुलाई, 2023 में 500 स्क्वायर फीट तक के रजिस्ट्रेशन का हिस्सा 38 फीसदी था.
महंगे घरों के बावजूद बना हुआ है खरीदारों का उत्साह
नाइट फ्रैंक के चेयरमैन एवं एमडी शिशिर बैजल ने बताया कि नए रजिस्ट्रेशन सेंट्रल सब अर्बन एरिया में ज्यादा बढ़े हैं. वेस्टर्न सब अर्बन एरिया में गिरावट आई है. साल के शुरुआती 7 महीनों में मुंबई के रियल एस्टेट मार्केट से उत्साहजनक नतीजे आए हैं. महंगे घरों के बावजूद खरीदारों का उत्साह बना हुआ है. स्थिर ब्याज दरें भी इसमें अहम भूमिका निभा रही हैं.
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