Property Mutation: देश की राजधानी दिल्ली और एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो बरसों से खाली पड़ी सरकारी या ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा करके प्लाटिंग कर रहे हैं. इनमें ऐसी कई कॉलोनियां हैं जो पूरी तरह से बस चुकी हैं. जाहिर तौर पर इनका दाखिल खारिज नहीं हो सकता है. आगे खबर में जानिए इससे क्या क्या मुश्किलें आ सकती हैं.
प्रापर्टी से जुड़े नियम कहते हैं किसी जमीन की सिर्फ अपने नाम से रजिस्ट्री करा लेने से ही उसका मालिकाना हक नहीं मिल जाता. इसके लिए दाखिल खारिज यानी म्यूटेशन कराना बेहद जरूरी होता है. जब तक जमीन या फिर उसके खरीदे गए हिस्से से जुड़े खसरा-खतौनी आपका नाम पर नहीं चढ़ जाता है तब तक आप उसके मालिक नहीं हैं.
ये होगा नुकसान
मतलब साफ है जिस व्यक्ति के नाम से दाखिल खारिज हुआ है उसका कानूनन मालिक वही व्यक्ति होगा. खाली पड़ी सरकारी या ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जा करके प्लाटिंग कर बनाई गई कॉलोनियों का दाखिल खारिज नहीं हो सकता है. ऐसा न होने पर भविष्य में सरकार को किसी प्रोजेक्ट के तहत यदि उसका अधिग्रहण करना होता है तो आपको उस जमीन के एवज में कोई मुआवजा भी नहीं मिल पाएगा. वहीं प्राकृतिक आपदा में होने वाले नुकसान के बाद सरकारी राहत सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलती है जिनकी प्रॉपर्टी का दाखिल खारिज हुआ रहता है. इसके अलावा ऐसी प्रॉपर्टी पर किसी बैंक से लोन भी नहीं लिया जा सकता.
ऐसे करें जांच पड़ताल
डिजिटल अभियान के तहत अब देशभर में प्रॉपर्टी से जुड़े दस्तावेज ऑनलाइन किए जा रहे हैं. कई राज्यों ने यह काम पूरा कर लिया. अगर उत्तर प्रदेश की किसी प्रॉपर्टी का ब्योरा देखना है तो इसके लिए http://upbhulekh.gov.in/ वेबसाइट पर जाएं. यहां अपने जिले को चुनें. फिर तहसील और गांव पर क्लिक करें. जैसे ही आप भूमि का खाता संख्या दर्ज करेंगे उसमें शामिल लोगों के नाम सामने आ जाएंगे. इसके जरिए यह पता चल जाएगा कि इसमें कौन व्यक्ति कितनी भूमि का मालिक है. ऐसे में कोई भी जमीन खरीदते समय इस प्रक्रिया को जरूर फॉलो करें और फर्जीवाड़ा करने वालों से बचकर रहें.
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