पिछले कुछ सालों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं जब बिल्डरों से घर के पैसे ले लिए हैं और सालों तक घर का पजेशन नहीं दिया है. ऐसी स्थिति किसी भी खरीददारी के मन में यह सवाल उठता है कि ऐसी स्थिति में किसी भी प्रॉपर्टी बायर के क्या अधिकार है. तो चलिए जानते हैं इस बारे में-


रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण में करें शिकायत
रियल स्टेट को कंट्रोल करने का काम और ग्राहक के अधिकार को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र सरकार ने रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (RERA) बनाया है. प्राधिकरण के जरिए सरकार ग्राहकों के अधिकार को सुरक्षित रखने की कोशिश करती है. अगर कोई ग्राहक RERA में मकान या फ्लैट के पजेशन में हो रही देरी की शिकायत करता है तो ऐसे में RERA उस शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सबसे पहले उस बिल्डर को बुलाकर ग्राहक के पैसे वापस करने के लिए दबाव डाल सकता है.


RERA उस प्रोजेक्ट को जल्द पूरी करने के लिए कह सकता है. साथ ही पजेशन में हुई देरी के कारण ग्राहक को हुआ आर्थिक नुकसान पर ब्याज भी बिल्डर को देना होगा. अगर इसके बाद भी ग्राहक को घर नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में ग्राहक की शिकायत को रियल एस्‍टेट ट्रिब्यूनल भेज दिया जाता है. यह भी सुनवाई न होने पर मामले को हाईकोर्ट भी भेजा जा सकता है. इसके बाद कोर्ट से ही इस मामले पर फैसला आता है. इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक फोरम बनाया है जो उपभोक्‍ता अदालत की तरह ही काम करता हैं. पिछले कुछ सालों में कोर्ट ने कई ऐसे फैसले दिए हैं जो ग्राहकों के हक में हैं.


बैंक का EMI चुकाते रहें
अगर आप घर का पजेशन नहीं भी मिला है तो ऐसी स्थिति में EMI चुकाना बंद न करें. ऐसे में आपके सिबिल स्कोर पर बुरा असर पड़ सकता है क्योंकि लोन की EMI न देने से आपके क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ सकता है. 


ये भी पढ़ें-


New Business Idea: 2 लाख रुपये में शुरू करें नमकीन का बिजनेस, हर महीने होगी मोटी कमाई


SBI ग्राहक सस्ते होम लोन का उठाना चाहते हैं लाभ तो सिबिल स्कोर का ऐसे रखें ध्यान!