Protean eGov Technologies Listing: प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज की बाजार में सपाट लिस्टिंग, निवेशकों को नहीं मिला मुनाफा
Protean eGov Technologies Stocks Listing: प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के आईपीओ में मिले शेयरों से निवेशकों को कोई खास फायदा नहीं हुआ क्योंकि ये ठीक पब्लिक इश्यू के प्राइस पर लिस्ट हो गए हैं.
Protean eGov Technologies IPO Listing: प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के शेयरों की आज लिस्टिंग हो गई है और ये सपाट रही है. प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के शेयर आज बीएसई पर 792 रुपये पर लिस्ट हुए हैं. कंपनी के इश्यू प्राइस के बराबर ही इसके शेयर बीएसई पर लिस्ट हो पाए हैं. इस आईपीओ के लिए कंपनी ने इश्यू प्राइस 792 रुपये प्रति शेयर का तय किया था.
कैसी रही शेयर की ओपनिंग
प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के निवेशकों को लिस्टिंग गेन तो हासिल नहीं हुआ और ना मुनाफा मिला क्योंकि जिस भाव पर आईपीओ में शेयर अलॉट हुए थे, उसी भाव पर आज स्टॉक्स की लिस्टिंग हो गई है. हालांकि ट्रेड शुरू होते ही कंपनी का शेयर 2.27 फीसदी ऊपर चला गया था और 810 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा था.
जानें प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के आईपीओ की डिटेल्स
यह आईपीओ रिटेल निवेशकों के लिए 6 नवंबर 2023 से खुलकर 8 नवंबर 2023 तक ओपन रहा था. प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज के आईपीओ के जरिए कंपनी का 490.30 करोड़ रुपये इकट्ठा करने का लक्ष्य है.
कैसा रहा था IPO के लिए निवेशकों का रिस्पॉन्स
प्रोटीन ईगॉव टेक्नोलॉजीज के आईपीओ को इंवेस्टर्स का अच्छा रिस्पॉन्स मिला था. कंपनी का आईपीओ कुल 23.86 गुणा यानी 24 गुणा सब्सक्राइब हुआ था. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशन बायर्स (QIBs) के लिए आरक्षित हिस्सा करीब 47 गुणा भरा था. नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) के लिए आरक्षित हिस्सा 31.62 गुणा भरा जबकि रिटेल निवेशकों ने करीब 9 गुणा इस इश्यू को सब्सक्राइब कराया था. कंपनी के एंप्लाइज के लिए आरक्षित हिस्सा 1.49 गुणा सब्सक्राइब कराया गया था.
कंपनी क्या करती है?
प्रोटीन ईगोव टेक्नोलॉजीज डिजिटल पब्लिक सेक्टर के क्षेत्र में काम करती है और भारत सरकार के अलग-अलग मंत्रालयों के लिए 19 से ज्यादा प्रोजेक्ट पर काम कर चुकी है. कंपनी अटल पेंशन योजना, टैक्स इंफॉर्मेशन, PAN प्रोसेसिंग, एनपीएस जैसी कई स्कीम्स का ई-गवर्नेंस कर चुकी है. देखा जाए तो इस कंपनी का कोई मुकाबला फिलहाल नहीं है. ये एक ई-गवर्नेंस सॉल्यूशंस डेवलपर कंपनी है जिसका नाम पहले NSDL eGov Infrastructure नाम था.
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