वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कल शनिवार 30 दिसंबर को सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने सरकारी बैंकों के वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए पीएसबी प्रमुखों के साथ बैठक की. बैठक में उन्होंने सरकारी बैंकों को वित्तीय स्थिति बेहतर बनाने के लिए कई जरूरी हिदायतें भी दीं.


इन मुद्दों पर हुई बैठक में चर्चा


बैठक के बाद एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि बैठक के दौरान साइबर सिक्योरिटी और फाइनेंशियल सेक्टर के खतरों से जुड़े मुद्दे उठाए गए. उन सभी मुद्दों पर बैठक के दौरान चर्चा की गई. वित्त मंत्री ने लोन बांटने से पहले के ड्यू डिलिजेंस, बड़े लोन अकाउंट के डिफॉल्ट और उनके कारण होने वाले असर पर भी चर्चा की.


ऐसे लगाएं डिफॉल्ट पर लगाम


वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों से कहा कि वे बड़े लोन अकाउंट की अच्छे से मॉनिटरिंग करें. अगर ऐसे लोन अकाउंट में डिफॉल्ट हो तो तत्काल लीगन एक्शन लें व अन्य यथोचित कार्रवाई करें. उन्होंने सरकारी बैंकों को लोन डिस्बर्स करने से पहले अच्छे से ड्यू डिलिजेंस करने और कर्ज बांटने की जिम्मेदार प्रथाओं का पालन करने का भी निर्देश दिया.


साइबर सिक्योरिटी पर निर्देश


इस दौरान सरकारी बैंकों को साइबर सिक्योरिटी पर भी अहम सुझाव दिए गए, ताकि घरेलू बैंकिंग सिस्टम पर किसी भी स्थिति में कोई असर न हो. वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों से प्रोएक्टिव साइबर सिक्योरिटी उपायों को अपनाने और घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम को सुरक्षित बनाए रखने के लिए कड़े सिक्योरिटी प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा.


सरकारी बैंकों को इतना मुनाफा


बैठक के बाद बताया गया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान पहले छह महीने यानी अप्रैल से सितंबर 2023 के दौरान सरकारी बैंकों ने करीब 68,500 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा कमाया. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान बैंकों की बैलेंस शीट में अच्छी ग्रोथ देखी गई थी.


सुधरी बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता


बैंकों की संपत्ति की गुणवत्ता में लगातार सुधार हो रहा है. सभी शेड्युल्ड कमर्शियल बैंकों का ग्रॉस एनपीए मार्च 2023 तक कम होकर 3.9 फीसदी पर आ गया था. सितंबर 2023 तक यह और कम होकर 3.2 फीसदी पर आ गया.


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