पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन को 564 करोड़ रुपये का मुनाफा, मान सरकार के फैसलों के चलते हुआ कायाकल्प
PSPCL Update: पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को समय पर पावर सब्सिडी के भुगतान को सरकार प्राथमिकता दे रही है. सरकार के इस फैसले के चलते कैश फ्लो में 12,342 करोड़ रुपये का सुधार आया है.
Bhagwant Mann Government: बीते कई समय से वित्तीय संकट का सामना कर रही पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) के लिए अच्छी खबर है. कॉरपोरेशन की वित्तीय हालत में गजब की सुधार देखने को मिली है. मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को 564.76 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. जबकि बीते साल इसी अवधि के दौरान पीएसपीसीएल को 1880.25 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था.
मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने सपोर्त के दम पर पीएसपीसीएल का कायाकल्प करने में मदद मिली है. पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड को समय पर पावर सब्सिडी के भुगतान को सरकार प्राथमिकता दे रही है. सरकार के इस फैसले के चलते कैश फ्लो में 12,342 करोड़ रुपये का सुधार देखने को मिला है जिससे पीएसपीसीएल के वित्तीय हालत में सुधार आई है. पंजाब सरकार के इस फैसले के चलते पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन को 564.76 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है वहीं रेवेन्यू में भी उछाल देखने को मिला है.
पंजाब के उपभोक्ताओं को सस्ती और 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के लिए पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन ने बिजली खरीद के खर्च को घटाने के लिए कई निर्णय लिए हैं. इन कदमों के चलते ही बिजली के बढ़ते खर्च के असर को कम करने के साथ कॉरपोरशन की वित्तीय हालत को सुधारने में मदद मिली है. पीएसपीसीएल ने अपने हाइड्रोपावर प्लांट्स से प्रोडक्शन को बढ़ाया है जिससे बिजली उत्पादन 21 फीसदी बढ़ी है. कॉरपोरेशन ने अपने हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्लांट से 21 फीसदी ज्यादा बिजली उत्पादन किया है. बीबीएमबी हाइड्रो प्लांट से 14 फीसदी ज्यादा और दूसरे राज्यों के जरिए 13 फीसदी बिजली उत्पादन बढ़ा है.
पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन को अप्रैल से सितंबर की अवधि के दौरान एक्सचेंज मार्केट में शॉर्ट टर्म एग्रीमेंट और ट्रेडिंग के जरिए बिजली खरीद की लागत को 48 फीसदी तक कम करने में मदद मिली है. एक्सचेंज मार्केट में पीएसपीसीएल ने 924 करोड़ रुपये की बिजली बेचने में सफलता हासिल की है जो बीते साल अप्रैल से सितंबर 2022 अवधि के दौरान 293 करोड़ रुपये रही थी.
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