HAL Share Update: जानें क्यों इस सरकारी डिफेंस कंपनी के शेयर में आई जबरदस्त उछाल?
HAL Share Update: हिंदुस्तान एरोनैटिक्स का शेयर 1693 रुपये के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा. फिलहाल HAL 3.75 फीसदी की बढ़त के साथ 1681 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है.
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Hindustan Aeronatics Share Update: रक्षा मंत्री ( Defence Minister) राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh) द्वारा 101 मिलिट्री सिस्टम और हथियारों जिसके आयात पर अगले पांच सालों रहेगी इसकी सूची जारी करने के बाद से डिफेंस सेक्टर से जुड़े शेयरों में जबरदस्त खरीदरी देखी जा रही है. लेकिन सोमवार के ट्रेडिंग सेशन में देसी डिफेंस मैन्युफैकचरिंग कंपनी हिंदुस्तान एरोनैटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर में जबरदस्त खरीदारी देखी गई जिसके चलते शेयर 52 हफ्ते के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है.
एचएएल की बोली सबसे कम
दरअसल एचएएल (HAL) इसरो, Indian Space Research Organisation (ISRO) के लिए पांच five Polar Space Launch Vehicles (PSLVs) बनाने के लिए सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी के तौर पर उभरी है. कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि, हिंदुस्तान एरोनैटिक्स लिमिटेड (HAL) और L&T consortium इसरो (ISRO) के लिए 5 पीएसएलवी (PSLVs) तैयार करने के लिए सबसे कम बोली लगाई है. इस प्रोजेक्ट के लिए एल एंड टी के साथ मिलकर एलएएल काम कर रहा है और वो सबसे बड़ा पार्टनर है. इस प्रोजेक्ट में कुछ और वेंडर भी शामिल हैं. कॉन्ट्रैक्ट अभी तक दिया नहीं गया है. इसरो के कमर्शियल विंग एमएसआईएल (NSIL) ने इस काम के लिए आरएफपी जारी किया था.
एलएएल का शेयर उच्चतम स्तर पर
इस खबर के सामने के बाद से हिंदुस्तान एरोनैटिक्स का शेयर 1693 रुपये के उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा. फिलहाल HAL 3.75 फीसदी की बढ़त के साथ 1681 रुपये प्रति शेयर पर ट्रेड कर रहा है. ब्रोकरेज हाउसेज ने निवेशकों को एचएएल के शेयर खरीदने की सलाह दी है. CLSA ने तो 1930 रुपये के टारगेट के साथ हिंदुस्तान एरोनैटिक्स के शेयर को खरीदने की सलाह दी है.
आत्मनिर्भर भारत का एचएएल को फायदा
बीते कुछ सालों में सरकार ने घरेलू डिफेंस प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाये हैं. एक अनुमान के मुताबिक भारत की ऑर्म्ड फोर्सेज अगले 5 सालों में 130 अरब डॉलर के रक्षा जरुरतों पर खर्च करने वाली है. केंद्र सरकार घरेलू डिफेंस मैन्युफैकचरिंग को बढ़ावा देते हुए आयातित सैन्य जरुरतों पर निर्भरता कम करना चाहती है. रक्षा मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में रक्षा मैन्युफैकचरिंग में 25 बिलियन अमरीकी डालर (1.75 लाख करोड़ रुपये) के कारोबार का लक्ष्य रखा है, जिसमें 5 बिलियन अमरीकी डालर (35,000 करोड़ रुपये) का डिफेंस इक्विपमेंट के एक्सपोर्ट्स का लक्ष्य रखा है.
डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना ज़रूरी है की मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)
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