Public Privident Fund(PPF): बजट में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड में निवेश की लिमिट को सलाना 3 लाख रुपये किया जाए, चार्टेड अकाउंटेंड की संस्था ने दिया सुझाव
Budget 2022-23: बजट में पीपीएफ में निवेश की सीमा को डेढ़ लाख से बढ़ाकर 3 लाख रुपये सलाना करने का वित्त मंत्री को सुझाव दिया गया है.
Budget 2022-23: बजट ( Union Budget) पेश होने में अब एक महीने से भी कम समय बचा है. स्टेकहोल्डर्स से लेकर राज्यों के वित्त मंत्रियों ( State Finance Ministers) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman) से मिलकर बजट से जुड़े अपने सुझावों की फेहरिस्त सौंप दी है. चार्टड अकाउंटेंट की संस्था आईसीएआई (The Institute of Chartered Accountants of India) ने भी वित्त मंत्री को अपना सुझाव दिया है. इंस्टीच्युट ऑफ चार्टड अकाउंटेंट (ICAI) ने वित्त मंत्री को पब्लिक प्रॉविडेंट फंड ( PPF) में निवेश की अधिकत्तम सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है.
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पीपीएफ है निवेश का सुरक्षित माध्यम
आईसीएआई के मुताबिक पीपीएफ डिपॉजिट स्कीम में निवेश की लिमिट को बढ़ाना बेहद जरुरी है क्योंकि स्वनियोजित रोजगार करने वाले टैक्सपेयर्स के लिए ये एक मात्र सबसे सुरक्षित और शानदार रिटर्न देने वाली टैक्स सेविंग स्कीमों में एक है. आईसीएआई ने कहा है कि पीपीएफ में निवेश की अधिकत्तम सीमा में कई सालों से कोई बदलाव नहीं किया गया है. आईसीएआई के मुताबिक पीपीएफ में निवेश की सीमा को बढ़ाने से जीडीपी में घरेलू सेविंग की हिस्सेदारी को बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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क्या है सुझाव
पीपीएफ में अगर निवेश की सीमा को 3 लाख रुपये सलाना कर दिया जाता है और अगर किसी ने 20 सालों के लिए हर वर्ष 3 लाख रुपये पीपीएफ में निवेश किया तो 20 साल बाद निवेशक को 1.33 करोड़ रुपये रिटर्न मिलेंगे. आपको बता दें मौजूदा समय में पीपीएफ पर सरकार 7.1 फीसदी ब्याज देती है. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज पर सरकार की गारंटी होती है.
आईसीएआई ने वित्त मंत्री से बजट में इनकम टैक्स के सेक्शन 80सी के तहत निवेश पर टैक्स छूट की सीमा को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये करने का सुझाव दिया है. आईसीएआई ने कहा कि इस लिमिट को बढ़ाने से लोग निवेश करने के लिए प्रेरित होंगे. आपको बता दें वित्त मंत्री एक फरवरी 2022 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट बट पेश करेंगी.