Union Budget 2023: सरकारी बैंकों की वित्तीय हालत सुधरी, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को कैपिटल सपोर्ट नहीं करेगी सरकार
Public Sector Banks Capital Infusion: केंद्र की मोदी सरकार 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश होने अगले वित्त वर्ष के बजट में बैंकों को कैपिटल सपोर्ट नहीं करेगी..जानिए क्या है वजह
Public Sector Banks Capital Infusion : देश के सार्वजनिक क्षेत्र से जुड़े बैंकों (Public Sector Banks) को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि देश के सरकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति (Financial Health) पहले से बेहतर हो गई है. इसके चलते 1 फरवरी 2023 को संसद में पेश होने वाले अगले वित्त वर्ष के बजट (Union Budget 2023) में केंद्र की मोदी सरकार (Modi Govt) की तरफ से बैंकों में नई पूंजी डालने की घोषणा होने की संभावना नहीं दिख रही है. जानिए क्या है नया अपडेट...
बैंकों की वित्तीय स्थिति में हुआ सुधार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के सरकारी बैंकों का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (Capital Adequacy Ratio) रेगुलेटरी जरूरत से ज्यादा है. इस समय ये 14 प्रतिशत से 20 प्रतिशत के बीच चल रहा है. ये बैंक अपने संसाधनों को बढ़ाने में जुटे हुए हैं. साथ ही बाजार से इन्वेस्टमेंट के नाम पर मोटा फंड जोड़ रहे हैं, जिससे इन बैंकों की वित्तीय स्थिति पहले की तुलना में अब काफी अच्छी है. इसके अलावा वे अपनी गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों की बिक्री का तरीका भी अपना रहे हैं.
सरकार ने 5 साल में इतनी लगाई पूंजी
केंद्र सरकार ने पिछली बार वित्त वर्ष 2021-22 में इन सार्वजनिक क्षेत्र की बैंकों में काफी पूंजी डाली थी. बैंक पुनर्पूंजीकरण के लिए 20,000 करोड़ रुपये तय किए थे. मालूम हो कि, पिछले 5 वित्त वर्षों यानी 2016-17 से 2020-21 के दौरान सरकार की तरफ से सार्वजनिक बैंकों में 3,10,997 करोड़ रुपये की पूंजी डाली गई है. इनमें से 34,997 करोड़ रुपये का इंतजाम बजट आवंटन से किया, जबकि 2.76 लाख करोड़ रुपये इन बैंकों को पुनर्पूंजीकरण बॉन्ड जारी कर जुटाए हैं.
50 फीसदी बढ़ा बैंकों का लाभ
सार्वजनिक क्षेत्र के सभी 12 बैंकों ने 50 फीसदी तक का लाभ देखने को मिला है. रिपोर्ट्स के अनुसार, इन सभी बैंकों को चालू वित्त वर्ष (FY2022-23) की पहली तिमाही में कुल 15,306 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है. जबकि दूसरी तिमाही में यह राशि बढ़कर 25,685 करोड़ रुपये हो गई है. अगर 1 साल पहले से तुलना करें, तो पहली तिमाही में इन बैंकों के लाभ में 9 प्रतिशत और दूसरी तिमाही में 50 प्रतिशत की इजाफा हुआ है.
6 महीने में बैंकों को मिला इतना लाभ
देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने दूसरी तिमाही में अब तक का सर्वाधिक 13,265 करोड़ रुपये लाभ कमाया है. जो कि पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में ये 74 प्रतिशत अधिक रहा है. वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में लाभ 32 प्रतिशत बढ़कर 40,991 करोड़ रुपये रहा. वित्त वर्ष 2021-22 में इन बैंकों का कुल लाभ दोगुना से अधिक होकर 66,539 करोड़ रुपये रहा है.
1 फरवरी को पेश होगा बजट
देश की संसद में 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) वित्त वर्ष 2023-24 का आम बजट पेश करेंगी. ये मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट होगा. मालूम हो कि, अगले साल 2024 में आम चुनाव होने वाले हैं.
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