वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन (FM Nirmala Sitharaman) के साथ हुई एक हालिया बैठक के बाद अब सरकारी बैंक (PSBs) जोखिमों से निपटने की योजना बना रहे हैं. सरकारी बैंक दो सप्ताह के भीतर रिपोर्ट को सरकार के साथ साझा करेंगे. बैंक अचानक आ सकने वाली किसी प्रतिकूल परिस्थिति को लेकर भी योजना तैयार करेंगे. खबरों में ऐसा दावा किया जा रहा है.
बैंक बताएंगे अपनी तैयारियां
ईटी की एक खबर के अनुसार, मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया है कि सरकारी बैंक किसी भी जोखिम से निपटने की योजना तैयार कर रहे हैं और वे इस बारे में अगले दो सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे. बैंक सरकार को यह भी बताएंगे कि गिरवी रखे गए शेयरों को लेकर क्या प्रावधान किए गए हैं. इसके अलावा वे इस तरह की गारंटी के इंटीग्रेटेड मार्केट डेटा को लेकर अपनी रणनीतियों की जानकारी भी सरकार को देंगे.
पिछले सप्ताह हुई ये बैठक
बैंक यह तैयारी ऐसे समय कर रहे हैं, जब दुनिया को 2008 के बाद पहली बार वैश्विक बैंकिंग संकट (Global Banking Crisis) का खतरा महसूस हो रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने इस संकट के बीच पिछले सप्ताह शनिवार को सभी सरकारी बैंकों के साथ एक अहम बैठक की थी. उन्होंने सभी सरकारी बैंकों की मौजूदा वित्तीय सेहत का जायजा लिया था और सरकारी बैंकों को बैंकिंग संकट से बचने के लिए जरूरी हिदायतें भी दीं.
बैंकों ने दिया था आश्वासन
वित्त मंत्री ने सभी सरकारी बैंकों से कहा था कि उन्हें किसी भी अनुमानित झटके से बचाव के उपाय करने चाहिए. बैठक के बाद वित्त मंत्रालय ने कहा था कि सभी प्रमुख वित्तीय मापदंड सरकारी बैंकों के स्थिर और लचीले होने का संकेत देते हैं. वहीं बैंकों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन को आश्वस्त किया था कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली मजबूत है और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है.
यह चाहती है सरकार
सरकार चाहती है कि सभी सरकारी बैंक अच्छे से तमाम जोखिमों का आकलन करें. सरकार ने इसके साथ-साथ बैंकों को अन्य अहम वित्तीय मानकों को भी दुरुस्त करने के लिए कहा है. सरकार ने यह भी कहा था कि सरकारी बैंक तमाम उन बिंदुओं की पहचान करें, जो मुसीबत बढ़ाने वाले साबित हो सकते हैं. वित्त मंत्री के साथ बैठक में वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारियों और सभी सरकारी बैंकों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया था.
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