पुलित्जर विजेता एडिटर का बड़ा फैसला, दूसरों की नौकरी बचाने की खातिर छोड़ दी मोटी तनख्वाह वाली नौकरी
Job: इस अखबार के एडिटर ने अपने कर्मचारियों की नौकरी बचाए रखने के लिए खुद के इस्तीफे का फैसला ले लिया है. आज के समय में ऐसा कठिन फैसला लेने वाले कम ही लोग हैं.
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Peter Bhatia: दुनियाभर की कंपनियों में छंटनी का दौर चल रहा है और इस समय कई बड़ी कंपनियों के एंप्लाइज अपनी नौकरी को लेकर डर में जी रहे हैं. ग्लोबल आर्थिक मंदी की आहट के चलते काफी अस्थिरता आर्थिक जगत में बनी हुई है. ऐसे में अगर आपको एक ऐसे शख्स के बारे में पता चले जिसने अपनी नौकरी से ज्यादा अपने सहकर्मियों और जूनियर्स की नौकरी को ज्यादा अहमियत दी हो तो आप अवश्य जानकर हैरानी में पड़ जाएंगे. एक बहुत पॉपुलर एडिटर पीटर भाटिया से जुड़ा हुआ ये मामला है और खास बात ये है कि उन्हें अपने कार्य के लिए प्रतिष्ठित पुलित्जर प्राइज भी मिल चुका है.
Detroit Free Press के एडिटर हैं पीटर भाटिया
पुलित्जर प्राइज विजेता इंडियन-अमेरिकी पीटर भाटिया Detroit Free Press के एडिटर हैं और इस कंपनी की स्वामित्व Gannett के पास है. दरअसल जैनेट अपने कारोबार में लगातार चल रहे घाटे की भरपाई करने के लिए संस्थान में छंटनी कर रहा है और इसी के कारण डेट्रॉयट फ्री प्रेस के कई एंप्लाइज की नौकरी जाने का खतरा बन गया है.
पीटर भाटिया ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया
ऐसी परिस्थिति में भारतीय-अमेरिकी एडिटर पीटर भाटिया ने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया है. उन्होंने ये फैसला लिया है जिससे उनको दी जाने वाली सैलरी में से जो पैसा बचेगा, उससे कंपनी के दूसरे लोगों की नौकरी बहाल रखी जा सके. पीटर भाटिया ने अपने नौकरी छोड़ने का एलान इसी हफ्ते हुई एक स्टाफ बैठक में लिया है. पीटर भाटिया अगले साल की शुरुआत में अखबार को छोड़ देंगे.
पीटर भाटिया ने अपने फैसले के बारे में क्या कहा
डेट्रॉयट फ्री प्रेस अखबार में पीटर भाटिया का संबोधन छपा है जिसमें उन्होंने कहा है कि "हम आर्थिक रूप से एक अलग समय में चल रहे हैं. कंपनी छंटनी की प्रक्रिया कर रही है और मैंने खुद की नौकरी छोड़ने का फैसला लिया है जिससे अन्य लोगों की नौकरी बच सके." पीटर भाटिया के नेतृत्व में फ्रेस वेबसाइट के पेड सब्सक्राइबर्स से आने वाली कमाई में उम्मीद से ज्यादा इजाफा हुआ था. एक पॉपुलर एडिटर के रूप में पीटर भाटिया अपने अखबार को बेहद प्यार करते हैं और उनके लिए नौकरी छोड़ने का ये फैसला लेना कठिन रहा. उन्होंने कहा भी कि " मुझे अपना जॉब बहुत पसंद है और मैं फ्री प्रेस को प्यार करता हूं, लेकिन बाकी सबके हित के लिए यही अच्छा है कि मैं चला जाऊं."
लखनऊ से है पीटर भाटिया का नाता
पीटर भाटिया ने रैडिफ को बताया था कि उनके परिवार में से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने वाले वो पहले शख्स हैं. उन्होंने इतिहास और संचार की पढ़ाई स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की. इसके बाद वो अमेरिका की कई वेबसाइट्स में रिपोर्टिंग और एडिटोरियल पोजीशन पर रहे हैं. पीटर भाटिया के पिता लखनऊ के रहने वाले हैं.
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