सब्जियों के बाद अब दालों में भी तेजी देखने को मिल रही है. हालांकि राशन की दूसरी चीजों के दामों में कोई खास परिवर्तन नहीं दिखा है लेकिन इस बीच दालों की कीमत काफी बढ़ गई है. पिछले साल की तुलना में इस साल दाल के दाम 30 से 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं. हालांकि लॉकडाउन के दौरान इनके दाम में कितनी तेजी से उछाल आई है इसका पता नहीं चल पाया है क्योंकि आंकड़े इकट्ठा करने में दिक्कतें आ रही हैं.
चावल, आटा के दाम में ज्यादा बढ़ोतरी नहीं
दिल्ली मार्केट में जनरल स्टोर से खरीदारी के आधार पर तुलना करें तो पिछले साल के मुकाबले इस साल दालों के दाम 30 से 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं. आटा और चावल के दाम में एक साल पहले की तुलना में छह फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. 2019 के मई-जून के मुकाबले इस साल मई-जून में सबसे ज्यादा कीमत उड़द छिल्का की बढ़ी. इस दौरान यह 31.25 फीसदी ज्यादा बढ़ कर 100 से 105 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई. दाल मल्का-मसूर की कीमत 25 फीसदी बढ़ कर 75 रुपये प्रति किलो हो गई. हालांकि चना दाल की कीमत तीन फीसदी घट कर 62 रुपये किलो हो गई.
आटा, चावल में दो से लेकर 6 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई. हल्दी मिर्च, धनिया के दाम में क्वालिटी के मुताबिक सीमित घट बढ़ ही रही. चायपत्ती पांच फीसदी महंगी हुई है. चीनी खुली का दाम पिछले कुछ साल से 35-36 रुपये किलो के दायरे में ही चल रहा है. मई महीने के ऑल इंडिया कंज्यूमर फूड प्राइस इंडिकेटर पर आधारित महंगाई ग्रामीण क्षेत्र में 9.69 फीसदी और शहरी क्षेत्र में 8.36 फीसदी रही. रही. खुदरा महंगाई दर 9.28 फीसदी रही. इसी प्रकार थोक मूल्य सूचकांक में अप्रैल के समग्र आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं जबकि मई में थोक मूल्य सूचकांक सालाना आधार पर 3.21 फीसदी घटा है.