QR Code Payment: नेशनल पेंशन सिस्टम (National Pension System) को सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है. क्यूआर कोड पेमेंट को मिली सफलता के बाद अब सरकार ने इसे एनपीएस सिस्टम में लाने का फैसला किया है. निवेशक एनपीएस फंड में पैसा अब क्विक रेस्पोंस कोड (QR Code) के जरिए भी डाल सकेंगे.


क्यूआर कोड ऑफलाइन भी बनाए जा सकेंगे


पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के अनुसार, क्यूआर कोड से पेमेंट की सुविधा आ जाने के बाद अब लोग आसानी से घर बैठे अपने एनपीएस अकाउंट में पैसा डाल सकेंगे. टियर-1 और 2 अकाउंट में ये क्यूआर कोड ऑफलाइन भी बनाए जा सकेंगे ताकि भविष्य में इनसे पेमेंट हो सके.   


ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहता है पीएफआरडीए


पीएफआरडीए एनपीएस में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना चाहता है. इस योजना में डिजिटल पेमेंट ने शानदार भूमिका निभाई है. इसलिए डिजिटल पेमेंट के लिए क्यूआर कोड के जरिए भुगतान की सुविधा आ जाने से निवेशकों को और ज्यादा आसानी हो जाएगी. 


रिटायरमेंट सेविंग को आसानी से कंट्रोल किया जा सकेगा 


प्रोटीन ईगॉव टेक्नोलॉजीस लिमिटेड (NSDL E Governance Infrastructure Limited) के ग्रुप हेड (सोशल सिक्योरिटी एवं वेलफेयर) अमित सिन्हा ने बताया कि क्यूआर कोड से पेमेंट की सुविधा दिया जाना एक उत्साहजनक कदम है. इससे एनपीएस में पैसा ट्रांसफर करना और ज्यादा आसान हो जाएगा. पीएफआरडीए की इस पहल से एनपीएस अकाउंट चलाने वाले अपनी रिटायरमेंट सेविंग को आसानी से कंट्रोल कर सकेंगे. साथ ही अपनी पूंजी को भी बढ़ा सकेंगे. 


2700 करोड़ रुपये एनपीएस में डी-रेमिट/वर्चुअल आईडी से आए 


फिलहाल एनपीएस सब्सक्राइबर अपने बैंक अकाउंट से डी-रेमिट सुविधा का इस्तेमाल कर भुगतान कर पाते हैं. डी-रेमिट आईडी 15 अंकों की होती है. इसे इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करते हुए बैंक खाते के बेनेफिशरी में जोड़ना होता है. इसके बाद सेविंग्स बैंक अकाउंट से एनपीएस अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हो पाता है. पीएफआरडीए के अनुसार, अब तक लगभग 10 लाख डी-रेमिट आईडी बन चुकी हैं. इन आईडी से लगभग 2700 करोड़ रुपये एनपीएस में आ चुके हैं. यदि बैंक को वर्किंग डे में सुबह 9.30 बजे तक डी-रेमिट मिल जाता है तो वह उसी दिन एनपीएस खाते में इसे इनवेस्ट कर देते हैं.


सुविधा का इस्तेमाल करने के लिए डी-रेमिट/वर्चुअल आईडी बनी होगी 


अब क्यूआर कोड के जरिए भी डी-रेमिट बनाए जा सकेंगे. हालांकि, क्यूआर कोड से इनवेस्टमेंट की सुविधा उन्हीं को मिलेगी, जिनकी डी-रेमिट/वर्चुअल आईडी बनी होगी. 


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