क्या बंद हो जाएंगी देश की सभी दुकानें! क्विक कॉमर्स बदल रहा है रिटेल ईको सिस्टम
Quick Commerce Report: जैसे-जैसे क्विक कॉमर्स का मार्केट बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे ऑफलाइन रिटेलर्स, ई-कॉमर्स और अलग-अलग ब्रांड्स के क्विक कॉमर्स में कम्प्टीशन बढ़ता जाएगा.
Quick Commerce Report: भारत में क्विक कॉमर्स सर्विस का विकास तेजी से हो रहा है. यह एक ऐसी सर्विस है, जिसमें सामान 10 से 30 मिनट के अंदर कन्ज्यूमर को डिलीवर कर दिया जाता है. अनुमान लगाया जा रहा है कि साल 2030 तक भारत के क्विक कॉमर्स मार्केट में 10 गुना तक वृद्धि होगी. हालांकि, क्विक कॉमर्स के तेजी से उभरने के साथ ही रिटेल दुकानदारों को भी नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा. यहां हम आपको 5 ऐसे ट्रेंड्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 3-5 सालों के भीतर ब्रांड्स, कन्ज्यूमर्स, डिलीवरी पार्टनर्स और रिटेल इकोसिस्टम को प्रभावित करेंगे.
डार्क स्टोर लेंगे मॉर्डन अवतार
आने वाले समय में कई क्विक कॉमर्स ब्रांड डार्क स्टोर को नए रूप में डिजाइन करेंगे ताकि इसमें स्टाफ और डिलीवरी पार्टनर्स के लिए बैठने, पार्किंग की जगह हो. शहरों में जगहें सीमित और महंगी है. ऐसे में कुछ रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स को ऐसे डिजाइन किया जाएगा, जो क्विक कॉमर्स की इन जरूरतों को पूरा करे.
कई नई कैटेगरी आएगी सामने
जैसे-जैसे क्विक कॉमर्स का मार्केट बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे ऑफलाइन रिटेलर्स, ई-कॉमर्स और अलग-अलग ब्रांड्स के क्विक कॉमर्स में कम्प्टीशन बढ़ता जाएगा. ऐसे में फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, होम फर्निशिंग, फिटनेस और वेलनेस की कई नई कैटेगरी सामने आएंगी. साथ ही प्रोडक्ट रिटर्न/एक्सचेंज फीचर को भी सुपरफास्ट बनाया जाएगा. इसके चलते बड़ी रियल एस्टेट प्रॉपर्टी (8,000-10,000 स्क्वॉयर फीट या उससे ज्यादा) की भी मांग तेजी से बढ़ेगी.
भारत में क्विक कॉमर्स की पैठ
अब क्विक कॉमर्स सर्विस सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि कुछ ब्रांड तो 40 से ज्यादा शहरों में पहुंच चुके हैं. जैसे-जैसे यह ट्रेंड बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे कई चुनौतियां भी सामने आएंगी. जैसे कि प्रॉपर्टी की कीमत बढ़ेगी, ट्रैफिक का पैटर्न चेंज होगा, ऑर्डर वॉल्यूम कम या ज्यादा होगा, डार्क स्टोर के लिए बेहतर लोकेशन चुनना मुश्किल होगा.
पॉल्यूशन तेजी से बढ़ेगा
ऑर्डर डिलीवरी के लिए ज्यादा से ज्यादा गाड़ियां सड़क पर उतरेंगी, ऐसे में जाहिर सी बात है कि नॉयस और एयर पॉल्यूशन बढ़ेगा. इसका असर लाइफ स्टाइल और क्वॉलिटी ऑफ लिविंग पर भी पड़ेगा.
किराना स्टोर्स में बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा
चूंकि उपभोक्ताओं के द्वारा स्पीड और घर बैठे मिल रही सर्विस को प्राथमिकता दी जाएगी, तो इसका दबाव आसपास के किराना स्टोर्स को भी झेलना पड़ेगा. ऐसे में किराना स्टोर्स भी आने वाले समय में क्विक सर्विस को टक्कर दे सकते हैं और घर बैठे सामान की डिलीवरी कराने में तेजी दिखा सकते हैं.
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