Raghuram Rajan: जानिए, रघुराम राजन ने भारत के सुपरपावर कहलाने पर ऐसा क्या कह दिया कि सोशल मीडिया पर हो रही उनकी आलोचना?
Raghuram Rajan News: 2022-23 के जीडीपी के आंकड़े घोषित किए जाने के बाद रघुराम राजन के उस बयान की आलोचना की गई थी कि जिसमें उन्होंने कहा कि भारत 5% का विकास दर हासिल कर ले तो वो भाग्यशाली होगा.
Raghuram Rajan Update: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन अपने एक बयान को लेकर सोशल मीडिया में निशाने पर आ गए हैं. राजन ने भारत के महाशक्ति बनने को लेकर एक बयान दिया जिसे लेकर उनके आलोचक उनकी आलोचना कर रहे हैं. रघुराम राजन ने एक बयान में कहा कि उन्हें इस बात से कतई फर्क नहीं पड़ता कि भारत सुपरपावर है. उन्होंने कहा कि उनके लिए ये बातें ज्यादा मायने रखती हैं कि देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जो चाहते थे उस कसौटी पर देश खरा उतर पा रहा है या नहीं जिसमें देश का हर नागरिक का जीवन खुशहाल रहे.
एक कार्यक्रम में रघुराजन ने सवाल पूछा गया कि किया आप जो बोलते हैं उसे सत्ता पक्ष के साथ विपक्ष बहुत ही ध्यान से सुनता है. तो क्या अगले 10 सालों में क्या हम आपको वित्त मंत्री या देश के प्रधानमंत्री के रूप में देख सकते हैं? इसी सवाल के जवाब का देते हुए रघुराम राजन ने कहा कि, कई सारे ऐसे लोग हैं जो चाहते हैं कि मैं भारत के बारे में बात ना करूं. मैं इसलिए बोलता हूं क्योंकि आज हम दोराहे पर खड़े हैं. उन्होंने कहा कि, मुझे भारत के सुपरपावर कहलाने से फर्क नहीं पड़ता, मेरे लिए ये मुद्दा ही नहीं है. मुद्दा ये है कि क्या देश के राष्ट्रपिता चाहते थे कि हर भारतवासी खुश रहे और इसी बात पर हमारा ध्यान होना चाहिए. सोशल मीडिया में राजन के इसी बयान पर लोग अपनी असहमति जताने के साथ उनकी आलोचना कर रहे हैं.
Raghuram Rajan: "I don't care about India being a superpower, to me that's not the point. It's about what the father of the nation wanted."
— Cogito (@cogitoiam) June 18, 2023
Being a superpower means lesser poverty, healthier lives, longer life spans, less suffering for a Billion people but of course Rajan… pic.twitter.com/PxzFF9uBjI
But as an Indian, I don’t feel comfortable with such statements
— Ravisutanjani (@Ravisutanjani) June 18, 2023
We need both, India is the Fastest Growing Major & 5th Largest Economy in the World
हाल के दिनों में रघुराम राजन केंद्रीय मंत्रियों, केंद्र में सत्ताधारी दल के प्रवक्ताओं के निशाने पर रहे हैं. हाल ही में राजन ने एक रिसर्च पेपर में भारत से बढ़ते मोबाइल फोन एक्सपोर्ट्स के मद्देनजर केंद्र सरकार की प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेटिव स्कीम को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा कि पीएलआई स्कीम केवल मोबाइल फोन की एसेंबलिंग पर जोर देता है ना कि मैन्युफैक्चरिंग पर. राजन ने कहा कि एक्सपोर्ट्स से ज्यादा इंपोर्ट किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि छोटी संख्या में भी भारत में मोबाइल फोन तैयार नहीं किया जा रहा है.
केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लिंकडिन पर लिखा कि रिसर्च पेपर में लिखी गई बातें झूठे तथ्यों पर आधारित है. क्योंकि जो भी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट इंपोर्ट की जा रही है वो केवल मोबाइल के प्रोडक्शन के लिए किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राजन को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के साथ स्मार्टफोन मैन्युफैक्चरिंग की कतई समझ नहीं है.
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