Raghuram Rajan Update: रघुराम राजन के बदल गए सुर! कर दी इस मामले में मोदी सरकार की तारीफ, फिर कहा- आलोचकों की भी सुने सरकार
Make In India: रघुराम राजन ने सवाल किया कि हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की बात कर रहे हैं लेकिन इसके लिए जरूरी हाई ग्रोथ कहां से लायेंगे.
Raghuram Rajan Update: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank Of India) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (Raghuram Rajan) ने मोदी सरकार (Modi Government) के पिछले 10 सालों के कार्यकाल के दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र (Infrastructure Sector) में किए काम की तारीफ की है. राजन ने कहा, भारत ने पिछले 10 वर्षों में आधारभूत ढांचे जैसे सेक्टर्स में बेहतर प्रदर्शन किया है लेकिन डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग (Domestic Manufacturing) और रोजगार सृजन (Employment Generation) को बढ़ावा देने के लिए दूसरे सेक्टर्स में ज्यादा कोशिशें किए जेने की दरकार है.
राजन ने की मेक इन इंडिया की तारीफ
रघुराम राजन ने पीटीआई-भाषा को दिए इंटरव्यू में कहा, सरकार का गुड्स और सर्विसेज के प्रोडेक्शन पर फोकस करना सही कदम है लेकिन इस काम को इस काम को सही ढंग से अंजाम देना भी महत्वपूर्ण है. रघुराम राजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार की मेक इन इंडिया (Make In India) पहल से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, मैं कहूंगा कि इरादा अच्छा है. मुझे लगता है कि इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे कुछ क्षेत्रों में हमने बहुत कुछ किया है जो उपयोगी रहा है. लेकिन हमें अन्य क्षेत्रों के बारे में भी सोचना चाहिए.
आलोचकों की सुने सरकार
राजन ने कहा कि अन्य सेक्टर्स में जरूरी कदमों के बारे में सरकार को अपने आलोचकों से जानकारी जुटानी चाहिए और उसके हिसाब से काम करना चाहिए. उन्होंने इज ऑफ डूइंग बिजनेस को बेहतर करने पर जोर दिया. आरबीआई के पूर्व गवर्नर ने इसे एक पैकेज बताते हुए कहा कि ये इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा, अगर हम उसपर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो मुझे लगता है कि इससे मेक इन इंडिया की अवधारणा को मजबूत मिलेगी. रघुराम राजन ने कहा, सरकार को अपनी नीति की आलोचना को यह कहकर खारिज नहीं करना चाहिए कि इसमें कुछ निहित स्वार्थ या कोई छिपा हुआ एजेंडा है.
शिक्षा पर ध्यान देना है जरूरी
भारत को इस दशक में तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए 7 फीसदी के ग्रोथ रेट के पर्याप्त होने के बारे में पूछे गए सवाल पर राजन ने कहा, अगर हम सात फीसदी की दर से बढ़ते हैं, तो हम दो-तीन वर्षों में जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएंगे. यह कोई ऐसी चीज नहीं है जो संभावना के दायरे से बाहर है. उन्होंने कहा, सबसे ज़्यादा चिंता की बात यह है कि जब हम विकसित राष्ट्र कहते हैं तो विकसित होने का मतलब क्या है? इसके अलावा हम 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हाई ग्रोथ कहां से लायेंगे. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में सबसे जरूरी सुधार के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा कि सबसे अधिक जरूरत शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने की है.
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