नई दिल्लीः नोटबंदी का फैसला हुआ 3 महीने से ज्यादा बीत चुका है पर इससे जुड़ी खबरों का खात्मा अभी तक नहीं हुआ है. आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने भी 4 सितंबर को गवर्नर का पदभार छोड़ दिया था पर अब पूर्व वित्त मंत्री रघुराम राजन ने उनके पद छोड़ने के पीछे की वजह नोटबंदी को बताया है.
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने शुक्रवार को कहा कि 'रिजर्व बैंक से किसी ने' ठीक उसी दिन केंद्र सरकार को नोटबंदी के खिलाफ पांच पन्नों का पत्र भेजा था, जिस दिन रघुराम राजन ने शीर्ष बैंक के गर्वनर पद से इस्तीफा दिया था. चिदंबरम ने सरकार को चुनौती दी कि वह उस पत्र को सार्वजनिक करे. चिदंबरम ने अपनी किताब 'फियरलेस इन अपॉजिशन, पॉवर एंड एकाउंटेबिलिटी' के विमोचन के अवसर पर यह बातें कहीं.
चिदंबरम ने कहा, "अगर सरकार पारदर्शी है, तो उसे उस नोट (पत्र) को सार्वजनिक करना चाहिए. वह नोट आरबीआई की तरफ से लिखा गया था. इसमें नोटबंदी के बारे में तर्क दिए गए हैं कि इसे क्यों लागू नहीं करना चाहिए." चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी उन वजहों में से एक है, जिसके कारण तत्कालीन आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने पद छोड़ दिया.
चिदंबरम ने कहा, "उन्होंने (सरकार) राजन का काम करना इतना मुश्किल बना दिया था, पीछे मुड़कर देखें तो यह साफ महसूस होता है कि, यह उन कारणों में से एक है, जिसके कारण वे छोड़ कर चले गए. सरकार नोटबंदी करना चाहती थी जबकि राजन इसके विरोध में थे." इस फैसले को लागू होने से रोकने में असफल रहने के चलते राजन के पद छोड़ने का अपना फैसला पक्का कर लिया था.