रघुराम राजन ने खोला राजः पहले ही सरकार को बता दिए थे नोटबंदी के नुकसान
राजन की किताब में लिखा है कि उनसे सरकार ने पिछले साल फरवरी में नोटबंदी पर राय मांगी थी जिसका जवाब उन्होंने मौखिक दिया था. राजन के अनुसार उन्होंने सरकार को कहा था कि बेशक नोटबंदी के फायदे लंबे समय के लिए हो सकते हैं. लेकिन शुरुआती दौर में इसके नुकसान उठाने पड़ेंगे.
नई दिल्लीः नोटबंदी के 10 महीने बीत जाने के बाद रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की किताब में एक बड़ा खुलासा हुआ है. पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन ने लिखा है कि नोटबंदी से आज जो नुकसान देश झेल रहा है, उसके बारे में 'मैंने पहले ही सरकार को बता दिया था.' उन्होंनें सरकार को पहले ही आगाह करते हुए नोटबंदी के अलावा और भी दूसरे रास्ते बताए थे. उनकी किताब 'आय डू व्हाट आय डू: ऑन रिफार्म्स रिटोरिक एंड रिजॉल्व' में नोटबंदी से जुड़ी इस तरह की कई बातें सामने आई हैं.
सरकार ने मांगी थी राय राजन की किताब में लिखा है, कि उनसे सरकार ने पिछले साल फरवरी में नोटबंदी पर राय मांगी थी जिसका जवाब उन्होंने मौखिक दिया था. राजन के अनुसार उन्होंने सरकार को कहा था कि बेशक नोटबंदी के फायदे लंबे समय के लिए हो सकते हैं. लेकिन शुरुआती दौर में इसके नुकसान उठाने पड़ेंगे. यह नुकसान इतने ज्यादा हो सकते हैं कि वो भविष्य में इससे होने वाले फायदे पर भी भारी पड़ सकते हैं. नोटबंदी से फायदा उठाने के लिए दूसरे विकल्प भी दिए थे.
नोटबंदी के लिए गठित हुई थी समिति राजन की किताब में इस बात का जिक्र किया गया है रिजर्व बैंक ने नोटबंदी की अधूरी तैयारी की स्थिति में होने वाले नुकसान के बारे में बताया था. जिसके बाद सरकार ने सभी पहलुओं को देखने के बाद एक समिति का गठन किया था. समिति की हर बैठक में मुद्रा संबंधी मामलों को देखने वाले डिप्टी गवर्नर शामिल हुए थे.
सरकार को बता दिए थे नोटबंदी के नुकसान राजन ने सरकार को नोटबंदी पर एक नोट दिया था. जिसमें उन्होंने नोटबंदी से होने वाले फायदे और नुकसान दोनों को बताया था. उन्होंने काल धन पर लगाम के लिए नोटबंदी के अलावा दूसरे तरीके भी सरकार को बताये थे. उन्होंने नोट में लिखा था कि अगर इन सब के बाद भी सरकार नोटबंदी करना चाहती है तो इसके लिए अलग से तैयारियां और समय सरकार को लेना होगा. राजन ने साफ किया है कि मेरे कार्यकाल में कभी भी रिजर्व बैंक को नोटबंदी पर फैसला लेने के लिए नहीं कहा गया था.
नोटबंदी आंकड़ें: 1000 के 99 फीसदी नोट सिस्टम में वापस पिछले महीने ही रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के आधिकारिक आंकड़ें जारी करते हुए बताया था कि 1000 के नोट जो चलन से बाहर किए गए उनमें से 99 फीसदी नोट बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं. ऐसे में राजन की किताब नोटबंदी को लेकर अहम मानी जा रही हैं.
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