जाने-माने अर्थशास्त्री और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को अगर आत्मनिर्भर बनना है तो उसे टैरिफ की दीवार खड़ी करने से बचना होगा.  राजन ने कहा कि अगर भारत को ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनना है तो दूसरे देशों से होने वाले आयात पर हाई टैरिफ से बचना होगा. टैरिफ की दीवार खड़ी करके भारत आत्मनिर्भर नहीं हो सकता.


उनसे पूछा गया कि मई में सरकार की ओर से शुरू किए गए आत्मनिर्भर भारत अभियान के बारे में उनकी क्या राय है. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वह ठीक-ठीक नहीं बता सकते कि यह क्या है? सरकार की ओर से हाल में नए टैरिफ के ऐलान पर राजन ने कहा कि यह मेक इन इंडिया की री-ब्रांडिंग की कोशिश या संरक्षणवाद की ओर बढ़ा हुआ कदम हो सकता है.


टैरिफ बढ़ाने से ग्लोबल सप्लाई चेन में पिछड़ जाएगा भारत


इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशन्स यानी ICRIER के 12वें एनुअल इंटरनेशनल G20 कॉन्फ्रेंस में राजन ने कहा कि अगर भारत संरक्षण की ओर कदम बढ़ा रहा है. दुर्भाग्य से इसने टैरिफ की काफी ऊंची दीवार खड़ी कर ली है. मेरे हिसाब से इसका कोई खास मतलब नहीं बनता है. राजन ने कहा कि भारत को अपने यहां वर्ल्ड क्लास मैन्यूफैक्चरर्स और मैन्यूफैक्चरिंग की जरूरत है. उन्हें वर्ल्ड क्लास इनपुट के एक्सेस में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. लेकिन अगर सरकार टैरिफ बढ़ा दे तो इसमें दिक्कत आ सकती है.


भारत को सस्ते इनपुट की जरूरत


राजन ने कहा, भारत को सस्ते इनपुट की जरूरत है ताकि इसका निर्यात बढ़ सके. भारत को किसी भी तरह इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा. उसे लॉजिस्टिक्स सपोर्ट बढ़ाना होगा और ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनना होगा. ये ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा हैं. अगर भारत टैरिफ की दीवार खड़ी करेगा तो इस चेन का हिस्सा नहीं बन पाएगा. राजन ने कहा कि भारत को एजुकेशन सेक्टर पर भी काफी जोर देना होगा ताकि सर्विस सेक्टर में बेहतर ह्यूमन रिसोर्स की दिक्कत न आए.


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