Raghuram Rajan: रघुराम राजन बोले, 2050 तक भारत की बड़ी आबादी होगी बुजुर्ग, 6.5% GDP ग्रोथ रेट से नहीं बन सकता अमीर
India GDP Growth: रघुराम राजन ने कहा, बड़ी संख्या में युवा लेबर मार्केट में आ रहे हैं. अगर हम उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में सफल रहे तभी भारत तेज गति से आर्थिक विकास कर सकेगा.
India Unemployement Crisis: भारतीय रिजर्व बैंक पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि भले ही भारत की अर्थव्यवस्था जी-20 देशों में सबसे तेज गति से विकास कर रही हो इसके बावजूद वो एक गरीब देश है. राजन ने कहा, भारत के पास जसंख्या का डिविडेंड है. बड़ी संख्या में युवाओं की आबादी लेबर मार्केट में आ रही हैं. अगर हम उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने में सफल रहे तभी भारत और तेज गति से आर्थिक विकास कर सकेगा.
अमेरिकी न्यूज चैनल सीएनएन को दिए इंटरव्यू में रघुराम राजन ने कहा, भारत ग्रेट ब्रिटेन को पीछे छोड़ दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना है और जल्द ही जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा. रघुराम राजन ने कहा, पर बड़ा सवाल उठता है कि क्या भारत के बुजुर्ग देश होने से पहले भारतीय अमीर बनते हैं या नहीं? राजन ने कहा 2047 - 2050 भारत की बड़ी आबादी बुजुर्ग हो चुकी होगी ऐसे में जब तक 6 या 6.5 फीसदी के दर से भारत आर्थिक विकास करता रहेगा भारत अमीर देश नहीं बन सकेगा. उन्होंने बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा, भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर हाल ही में सरकार जो रिपोर्ट लेकर आई है उसमें बेरोजगारी शब्द का कहीं जिक्र नहीं है. जबकि ये सबसे बड़ा मुद्दा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को सत्तावादी सरकार बताते हुए रघुराम राजन ने कहा, ऐसी सरकारें इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के मोर्चे पर सफल होती हैं क्योंकि वे पर्यावरण जैसी मुद्दे पर जल्द मंजूरी लेने में कामयाब हो जाती हैं. अल्पसंख्यकों के मुद्दे पर रघुराम राजन ने कहा, कोई भी सरकार अपनी बड़ी आबादी को सेकेंड क्लास सिटीजन के समान व्यवहार करती है तो वो देश कभी सफल नहीं हो सकेगा.
दरअसल देश में बेरोजगारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाईजेशन (ILO) ने इंडिया एम्पलॉयमेंट रिपोर्ट 2024 के नाम से आईएलओ ने अपनी रिपोर्ट जारी की है जिसमें देश के युवाओं में रोजगार के हालात को लेकर एक डेटा जारी किया है. आईएलओ ने भारत में बेरोजगारी के इस हालात को बेहद गंभीर करार दिया है. आईएलओ के रिपोर्ट के मुताबिक बेहतर क्वालिटी वाले रोजगार के अवसर में कमी के चलते ऐसे युवाओं में बेरोजगारी दर बेहद ज्यादा है जिन्होंने उच्च शिक्षा हासिल की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि देश में 83 फीसदी युवा वर्कफोर्स बेरोजगार है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि कुल बेरोजगार युवाओं में सेकेंडरी या हायर सेकेंडरी शिक्षा हासिल करने वाले युवाओं की संख्या जो 2000 में 35.2 फीसदी थी वो 2022 में करीब दोगुनी बढ़कर 65.7 फीसदी हो चुकी है.
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