Railway Fine: 3 साल में तीन गुणा हुई बेटिकट यात्रियों की संख्या, जुर्माने से रेलवे की कमाई 2000 करोड़ के पार
Railway Penalty Earnings: रेलवे देश में लंबी दूरी की यात्रा का सबसे सुलभ साधन है. हर रोज करोड़ों लोग भारतीय रेलवे से अपना सफर पूरा करते हैं. वहीं बड़ी संख्या में लोग बेटिकट यात्रा भी करते हैं...
रेलवे (Indian Railway) से बिना टिकट यात्रा करना कानूनन अपराध है, लेकिन इसके बाद भी लोग ऐसा करने से बाज नहीं आते हैं. पिछले कुछ सालों के दौरान तो रेलवे से बिना टिकट यात्रा करते हुए पकड़ाने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इसके साथ ही ऐसे यात्रियों से वसूले गए जुर्माने से रेलवे की कमाई भी रिकॉर्ड तेजी से बढ़ी है.
आरटीआई से मिली जानकारी
रेलवे से बिना टिकट यात्रा करते हुए धराए गए लोगों की संख्या और उनसे वसूल किए गए जुर्माने के आंकड़े का खुलासा एक आरटीआई के जवाब में हुआ है. न्यूज एजेंसी पीटीआई की एक खबर में आरटीआई का हवाला देकर बताया गया है कि रेलवे ने 2022-23 में गलत टिकट या बिना टिकट यात्रा कर रहे 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़ा, जो इससे एक साल पहले की तुलना में करीब एक करोड़ ज्यादा है.
तेजी से बढ़े बेटिकट रेल यात्री
रिपोर्ट के अनुसार, मध्य प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने सूचना का अधिकार यानी आरटीआई के तहत रेलवे से इन सवालों का जवाब मांगा था. उन्हें मिले आरटीआई जवाब के अनुसार, वर्ष 2019-2020 में 1.10 करोड़ लोग बिना टिकट या गलत टिकट के साथ यात्रा करते पकड़े गए थे. 2021-22 में इनकी संख्या बढ़कर 2.7 करोड़ और 2022-23 में 3.6 करोड़ हो गई. वहीं, 2020-21 में, जिस साल कोविड-19 महामारी फैली, यह आंकड़ा 32.56 लाख था.
3 साल में इतनी बढ़ी कमाई
आरटीआई के जवाब में रेलवे ने पिछले तीन सालों में ऐसे यात्रियों से वसूली गई राशि के आंकड़े भी दिए. आंकड़ों के मुताबिक, रेलवे ने ऐसे यात्रियों से वित्त वर्ष 2020-21 में 152 करोड़ रुपये वसूले, जो बढ़कर 2021-22 में 1,574.73 करोड़ रुपये और 2022-23 में 2,260.05 करोड़ रुपये हो गया. इस तरह तीन साल में जुर्माने से रेलवे की कमाई करीब 15 गुणा बढ़ गई.
बिना टिकट यात्रा पर ये प्रावधान
वर्ष 2022-23 में रेलवे द्वारा बिना टिकट पकड़े गए यात्रियों की संख्या कई छोटे देशों की आबादी से ज्यादा है. पकड़े जाने पर बेटिकट यात्री को टिकट की वास्तविक कीमत के साथ कम से कम 250 रुपये का जुर्माना अदा करना होता है. पकड़े जाने पर अगर कोई यात्री जुर्माना देने से मना करता है या उसके पास पर्याप्त पैसे नहीं होते हैं, तो ऐसी स्थिति में उसके खिलाफ रेलवे अधिनियम के सेक्शन 137 के तहत मामला दर्ज कर उसे रेलवे सुरक्षा बल यानी आरपीएफ के हवाले कर दिया जाता है.
यात्री ट्रेनों की कमी जिम्मेदार
इस पूरे मामले का एक दूसरा पक्ष भी है. यात्रियों को अक्सर यह शिकायत रहती है कि उन्हें टिकट नहीं मिल पाता है, जिस कारण कई बार बिना टिकट के यात्रा करना मजबूरी हो जाती है. रेलवे के आंकड़े बताते हैं कि 2022-23 के दौरान करीब 3 करोड़ यात्री कंफर्म टिकट नहीं मिल पाने के कारण यात्रा नहीं कर पाए थे. इन 2.7 करोड़ यात्रियों ने टिकट तो लिया था, लेकिन कंफर्म नहीं हो पाने के चलते वे यात्रा नहीं कर पाए थे. इससे पता चलता है कि देश के कई व्यस्त मार्गों पर ट्रेनों की कमी है.
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