Vande Bharat Train: वंदे भारत ट्रेन भारतीय रेलवे की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. रेलवे ट्रेन के विस्तार के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. अब रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्रेन को लेकर एक महत्वपूर्ण ऐलान किया है. रेल मंत्री ने कहा है कि साल 2024 के फरवरी मार्च तक देश में कुल तीन तरह की वंदे भारत ट्रेन का संचालन किया जाएगा. गौरतलब है कि वंदे भारत ट्रेन एक सेमी हाई स्पीड ट्रेन है जिसे 100 फीसदी भारतीय तकनीक से बनाया गया है, जिसे शताब्दी, राजधानी जैसे ट्रेनों को बदलने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई के इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री में किया जा रहा है.


देश में दौड़ेगी तीन तरह की वंदे भारत


न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले तीन से चार सालों के भीतर देश के सभी रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने का काम कर लिया जाएगा, जिससे वंदे भारत आराम से 160 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से दौड़ सकेगी. इसके साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि देश में कुल तीन तरह की वंदे भारत का संचालन किया जाएगा. 100 किलोमीटर से कम दूरी के लिए वंदे मेट्रो, 100 से 550 किलोमीटर की दूरी के लिए वंदे चेयर कार और 550 किलोमीटर से अधिक दूरी के लिए वंदे स्लीपर की शुरुआत की जाएगी. इन तीनों तर की वंदे भारत को अगले साल फरवरी-मार्च तक तैयार कर लिया जाएगा.


उत्तराखंड को मिला पहली वंदे भारत का तोहफा


गौरतलब है कि आज यानी 25 मई, 2023 को दिल्ली से देहरादून के बीच वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत की गई है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली के आनंद विहार स्टेशन से ट्रेन को देहरादून के लिए रवाना किया. इस मौके पर रेल मंत्री और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे. देहरादून दिल्ली वंदे भारत के जरिए अब उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली के बीच का सफर केवल 4.30 मिनट में पूरा हो जाएगा. वहीं पहले इस रूट पर देहरादून नई दिल्ली शताब्दी को यह सफर पूरा करने में 6.10 घंटे का वक्त लगता था. इस मौके में रेल मंत्री ने कहा कि जून 2023 तक देश के हर राज्य को वंदे भारत का गिफ्ट मिल जाएगा.


ट्रैक को किया जा रहा अपग्रेड


इसके साथ ही उन्होंने कहा कि रेलवे के पुराने ट्रैक्स 70 से 80 किलोमीटर तक की स्पीड को ही सपोर्ट करते है, लेकिन अब इसे अपग्रेड करके 160 किलोमीटर तक ले जाया जाएगा. देश भर में 30,0000 से लेकर 35,000 किलोमीटर के ट्रैक को अपग्रेड करके 110 किलोमीटर तक की अधिकतम स्पीड के लिए तैयार कर दिया गया है. वहीं अगले 2 से 3 सालो के भीतर ट्रैक की अधिकतम स्पीड को 160 किलोमीटर तक ले जाने की योजना है.


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