Indian Railways: ट्रेनों में भीड़ संभालने के लिए रेलवे का मास्टर प्लान, रेल मंत्री का जनरल और नॉन AC कोच पर बड़ा दावा
Ashwini Vaishnaw: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे इस साल इतने हजार की संख्या में नॉन एसी डिब्बे तैयार कर रहा है जिससे ट्रेनों में बढ़ती भीड़ को मैनेज किया जा सकेगा.
Ashwini Vaishnaw: इन दिनों भारतीय रेलवे (Indian Railways) पर आरोप लग रहे हैं कि वह ट्रेनों में एसी कोच ज्यादा इस्तेमाल कर रही है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने इस आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि हर 22 डिब्बों वाली ट्रेन में 12 नॉन एसी जनरल एवं स्लीपर कोच लगाए जा रहे हैं. इन ट्रेनों में सिर्फ 8 एसी कोच लगाए जा रहे हैं. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे के पास इस समय जितने कोच मौजूद हैं, उनमें से दो तिहाई डिब्बे नॉन एसी और एक तिहाई एसी कोच हैं. इसके अलावा भारतीय रेलवे इस साल 10 हजार नॉन एसी डिब्बे तैयार कर रहा है.
नॉन एसी कोच का इस्तेमाल हो रहा ज्यादा
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्यसभा में सांसद हारिस बीरन के सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय रेलवे ज्यादा से ज्यादा संख्या में नॉन एसी कोच का इस्तेमाल कर रहा है. हारिस बीरन ने सवाल किया था कि ट्रेनों में हद से ज्यादा भीड़ हो रही है. इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है. साथ ही क्या नॉन एसी ट्रेनों की संख्या कम की जा रही है. हाल के दिनों में ट्रेनों में भारी भीड़ और रिजर्वेशन वाले डिब्बों में गैर-आरक्षित पैसेंजर का घुस आना आम बात हो चुकी है.
वंदे भारत के साथ अमृत भारत एक्सप्रेस भी चली
अश्विनी वैष्णव ने बताया कि साल 2019 से लेकर 2024 के बीच में कोविड 19 के चलते पैसेंजर ट्रैफिक में बड़ा बदलाव आया है. भारतीय रेलवे यात्रियों की जरूरतों के हिसाब से अलग-अलग तरीके की ट्रेन चला रही है. हमने वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) के साथ-साथ अमृत भारत एक्सप्रेस (Amrit Bharat Express) भी चलाई गई हैं. अमृत भारत नॉन एसी ट्रेन है. रेलवे ने इसके जरिए हाई क्वालिटी सर्विसेज यात्रियों को उपलब्ध कराई हैं.
स्पेशल ट्रेन चलाकर नियंत्रित की जा रही भीड़
रेल मंत्री ने कहा कि रेलवे की ओर से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए त्योहारों, छुट्टियों और पीक सीजन के दौरान डिमांड बढ़ने पर स्पेशल ट्रेन चलाई जाती हैं. इसके अलावा ट्रेनों की क्षमताएं भी बढ़ाई जा रही हैं. भारतीय रेलवे इस समय लगभग 10 हजार नॉन एसी जनरल क्लास और स्लीपर क्लास कोच तैयार कर रहा है.
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